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विश्वविद्यालय की ओर से ऐसे किसी सुविधा केंद्र या अन्य दुकान के संचालित होने को सिरे से नकार दिया गया है। छात्र सुविधा केंद्र के बारे में किसी प्रकार का कोई उल्लेख कलेक्टर को दिए गए जवाब में शामिल नहीं है। आप नेताओं का कहना है कि विश्वविद्यालय संचालक जनता व छात्रों से वसूली करके किसी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं या फिर गलत जानकारी देकर कलेक्टर को गुमराह कर रहे हैं। संचालित दुकान का उन्होंने वीडियो भी बयान के साथ जारी किया।
जांच की मांग आप ने मांग किया है कि दोनों परिस्थितियों में छात्रों को सुविधा के नाम पर खुली आंखों के सामने भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस मामले में कलेक्टर, दुर्ग जांच करे। इसमें शामिल जो-जो भी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।