यह था मामला
हमीदिया अस्पताल के आइसीयू-3 में एक मरीज डॉली बाई का इलाज चल रहा था। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे डॉली बाई की मौत हो गयी। इससे गुस्साए परिजनों हंगामा करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में आइसीयू में 30-40 लोग घुस आए। और ऑन ड्यूटी डॉक्टरों पर हमला कर दिया। इस दौरान आईसीयू में 10 से ज्यादा डॉक्टर मौजूद थे।वीडियो में दिख रहे हमलावर
हमले के बाद इस घटना से जुड़े दो वीडियो सामने आए हैं। जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग डॉक्टरों पर हमला कर रहे हैं। पुलिस संदिग्धों की पहचान कर रही है।जूडा ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण घटना
जूडा अध्यक्ष डॉक्टर कुलदीप गुप्ता ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया है। उनका कहना है कि हम पहले भी डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर सीएम, डिप्टी सीएम, पुलिस कमिश्नर और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन कुछ नहीं हुआ। जबकि हाल ही में महिला डॉक्टर की कार में तोड़फोड़ हुई। परिसर में रात में संदिग्ध लोग घूमते हैं।सीएमओ को लिखा पत्र
ड्यूटी डॉक्टर्स ने सीएमओ हमीदिया को पत्र लिखा है जिसमें घटना का जिक्र करते हुए हमलावरों पर स़त कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन से सुरक्षा बढ़ाने की अपील भी की गयी है। लिखा गया है कि इस घटना से अस्पताल परिसर में डर का माहौल है। लिखा गया है कि इस घटना से अस्पताल परिसर में डर का माहौल है।परिवार नहीं कराना चाहता था पोस्टमार्टम
कोह-ए-फिजा पुलिस स्टेशन के प्रभारी विजेंद्र मर्सकोले ने बताया कि करीब 60 साल वर्षीय महिला जो उज्जैन की रहने वाली थी, उसे ब्लड प्रेशर, शुगर और अन्य बीमारियों की वजह से भर्ती कराया गया था। बंजारा समुदाय की इस महिला की रात करीब 1 बजे मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच हाथापाई हो गई, क्योंकि परिवार पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहता था मृतक महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट की गई।सुरक्षा एजेंसी को क्लैक लिस्ट करें : कांग्रेस
मामले में एनएसयूआरइ के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा है, घटना से हमीदिया में कार्यरत सुरक्षा एजेंसी की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है। इसलिए सुरक्षा एजेंसी को लेक लिस्ट किया जाए। जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे।जूडा की प्रमुख मांगें
अज्ञात लोगों के प्रवेश पर रोक लगे। अवैध एंबुलेंस परिसर से बाहर हों। परिसर में सुरक्षा गाड्र्स की संख्या बढ़ाई जाए। हाइ मास्ट लाइट लगाई जाएं।चिकित्सकों की सुरक्षा से जुड़े कानून
डॉक्टरों को वैधानिक सुरक्षा का प्रावधान है। यदि किसी हेल्थकेयर प्रोफ़ेशनल के साथ ङ्क्षहसा की जाती है, तो यह गैर- जमानती अपराध है। इस तरह के अपराध में कम से कम 6 महीने और ज्यादा से ज्यादा 5 साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा अगर किसी चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े व्यक्ति पर हमला, आपराधिक बल, या धमकी दी जाती है, तो मध्य प्रदेश चिकित्सक तथा चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम, 2008 की धारा 3/4 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.।शिकायत पुलिस से की है
हमीदिया में एक गंभीर मरीज की मौत के बाद परिजन आइसीयू में घुस आए। डॉक्टरों के साथ मारपीट की। तीन डॉक्टर घायल हैं। हमने तुरंत घटना की शिकायत कोहेफिजा पुलिस से की है।आरपी कौशल, प्रभारी डीन, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल