सीबीडीटी के अनुसार, इस विस्तार से आयकरदाताओं और दूसरे स्टेकहोल्डर्स को अनुपालन के लिए पर्याप्त समय मिलने की उम्मीद है, जिससे रिटर्न दाखिल करना आसान होगा। AY 2025-26 के लिए अधिसूचित ITR के फॉर्म में संशोधन हुए हैं, जिनका उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सटीक रिपोर्टिंग को सक्षम करना है। सीबीडीटी ने कहा कि इन बदलावों के कारण सिस्टम अपडेट और संबंधित कामकाज के परीक्षण के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था। इसमें मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को बदलने और ऐसे बदलाव लाने की मांग की गई, जो व्यक्तियों, व्यवसायों और गैर-लाभकारी संगठनों सहित करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों को प्रभावित करते हैं। जुलाई 2024 के बजट में सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा का प्रस्ताव रखा था। इसका उद्देश्य अधिनियम को संक्षिप्त और स्पष्ट बनाना था।