जोराराम कुमावत ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1 करोड़ 39 लाख गौवंश है। इनमें से 15 लाख गौवंश गौशालाओं में संधारित है। प्रदेश में कुल 4140 पंजीकृत गौशालाएं है। निदेशालय गोपालन द्वारा वित्तीय वर्ष 2024- 25 में 3043 पात्र गौशालाओं को 156.98 करोड़ रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में निराश्रित गौवंश के संधारण एवं संरक्षण के लिए जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोलने की योजना है। जिसके तहत 1 करोड़ 56 लाख की राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है। इसके साथ ही प्रदेश में हर पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल भी खोले जाने की योजना है। इन योजनाओं के तहत 10 प्रतिशत जनसहभागिता के माध्यम से राशि जमा कर यह कार्य करवाए जाते है।
जोगाराम कुमावत ने कहा कि गौ-काष्ठ मशीन योजनान्तर्गत प्रदेश की 100 गौशालाओं को रियायती दरों पर गौ-काष्ठ मशीन उपलब्ध करवाई जाती है। जिसके तहत 600 या 600 से अधिक गौवंश संधारित गौशालाओं में से योजना के दिशा-निर्देशानुसार 100 गौशालाओं का चयन किया जाकर कुल 70350 रूपये प्रति गौ-काष्ठ मशीन जिसमें 20 प्रतिशत राशि (14070 रूपये) का गौशाला द्वारा तथा 80 प्रतिशत राशि (56280 रूपये) का सरकार द्वारा अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।