कालाष्टमी डेट और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कालाष्टमी का त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 फरवरी गुरुवार 09 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं अगले दिन 11 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इस लिए कालाष्टमी 20 फरवरी को मनाई जाएगी।
कालाष्टमी पर शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार कालाष्टमी के दिन ध्रुव योग बन रहा है। ध्रुव योग बहुत लाभकारी और शुभफल देने वाला होता है। इस योग में किए गए स्थिर कार्यों, जैसे- घर का निर्माण करना, भूमि खरीदना आदि में सफलता मिलती है। इसके साथ ही यह शुभ योग व्रत की महत्वता को और अधिक बढ़ाता है। कालाष्टमी के दिन ध्रुव योग की शुरुआत सुबह के 07 बजकर 15 मिनट से होगी। वहीं 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा।
इन दो राशियों के लिए कालाष्टमी बेहद शुभ
कन्या राशि- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कन्या राशि के स्वामी बुध हैं। जिनको ग्रहों के राजकुमार के साथ-साथ बुद्धि के कारक भी कहा जाता है। ऐसे में चंद्र देव के राशि परिवर्तन करने से कन्या राशि वालों लाभ मिलने के योग हैं। कन्या राशि के जातक किसी धार्मिक यात्रा पर निकल सकते हैं। इसके साथ ही घर पर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है, आर्थिक स्थिति में सुधार के योग हैं। आपको सलाह है कि कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को दूध पिलाएं। यह उपाय आपके रुके कार्यों को गति प्रदान कर सकता है। धनु राशि- ज्योतिष के अनुसार कालाष्टमी का दिन धनु राशि वालों के जीवन के लिए नया सवेरा साबित हो सकता है। इस दिन धनु राशि के लोगों को काल भैरव की कृपा प्राप्त होने के योग हैं। कालाष्टमी के दिन धनु राशि के जो लोग विधि विधान से काल भैरव की पूजा करेंगे। उनके जीवन में दुख दूर होंगे और सुखों का आगमन होगा। रोजगार, व्यापार के माध्य से धन लाभ की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही समाज में बड़ों की सेवा और सम्मान करें। मंगल देव की कृपा से आपके करियर में तरक्की की नई राहें खुलेंगी।
पूजा विधि
प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें। घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्वच्छ स्थान पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। भगवान की मूर्ति का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) और गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान को इत्र, चंदन का तिलक, और सफेद फूलों की माला अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं, जो भगवान काल भैरव की पूजा में विशेष महत्व रखता है। भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप करें और आरती उतारें। भगवान को इमरती, लड्डू या अन्य मिष्ठान्न का भोग लगाएं। भगवान काल भैरव की कथा सुनें या पढ़ें और ध्यान करें। इस दिन काले कुत्ते को भोजन कराना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान काल भैरव का वाहन है। डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।