भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं सांसद दामोदर अग्रवाल ने आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि टीकाराम जूली के दर्शन करने के बाद श्रीराम मंदिर में उन्होंने गंगाजल का छिड़काव किया। इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है। यह घोर अनुशासनहीनता है। आहूजा ने अनुशासन समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने के बाद मीडिया से भी यही कहा था कि उन्होंने कोई भी दलित विरोधी काम नहीं किया है।
यह है मामला
नेता प्रतिपक्ष जूली 6 अप्रेल को अलवर स्थित रामलला मंदिर गए थे। इसके बाद आहूजा मंदिर अपवित्र होने की बात कहते हुए मंदिर को पवित्र करने के लिए गंगाजल छिड़का था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसको कांग्रेस ने मुद्दा बनाते हुए भाजपा पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाए थे। कांग्रेस के अहमदाबाद में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में यह मुद्दा छाया रहा और राहुल गांधी व राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर हमला बोला था। कांग्रेस ने प्रदेशभर में इसके विरोध में प्रदर्शन भी किए थे।
न माफी मांगी और न मांगूंगा – आहूजा
आहूजा ने कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है। इसका मुकाबला करूंगा। मैं साफ सुथरा था। राजस्थान की जनता मेरे साथ है। मेरे पास 41 जिलों से 1200 से ज्यादा फोन आए हैं। बैठकर राय करेंगे। मैंने दलितों के नहीं कांगेस नेताओं के खिलाफ बोला। मैं दलितों का मसीहा ओर संरक्षक हूं। ज्ञानदेव आहूजा न माफी मांगता है न मांगी है और न ही मांगेगा। मैं उग्र हूं, क्रांतिकारी हूं, लेकिन कोई गलत बात नहीं की। कांग्रेस ने तो हमेशा राम मंदिर का विरोध ही किया है। तब मैंने कहा था कि कांग्रेसी विचारधारा वाले व्यक्ति आएंगे तो मैं मंदिर का शुद्धिकरण करूंगा, मैंने सनातन विरोधी मानसिकता विचारधारा के विरोध स्वरूप गंगाजल छिड़कने का काम किया था।