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जयपुर

तकनीकी शिक्षा विभाग का यू-टर्न, जयपुर के पहले सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज को दूदू शिफ्ट करने की तैयारी

Jaipur Big News : जयपुर के एकमात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर संकट के बादल गहरा गए हैं। जयपुर के पहले सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज को दूदू शिफ्ट करने की तैयारी है। जानें पूरा सच।

जयपुरFeb 20, 2025 / 07:16 am

Sanjay Kumar Srivastava

Jaipur First Government Engineering College Preparations to Shift to Dudu
विजय शर्मा
Jaipur Big News : जयपुर के एकमात्र सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर संकट के बादल गहरा गए हैं। दो साल पहले शुरू किए गए इस कॉलेज को अब जयपुर से दूदू शिफ्ट करने की तैयारी है। इस संबंध में तकनीकी शिक्षा विभाग ने जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि बजट में घोषित जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए अब दूदू विधानसभा क्षेत्र में जमीन तलाशी जाए। इसके बाद जिला प्रशासन ने दूदू में जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने दो साल पहले जयपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने की घोषणा बजट में की थी। इसके लिए 100 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान किया था। दो साल पहले कॉलेज का संचालन खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर से शुरू कर दिया। आज तक इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए भवन नहीं बन सका।

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इसीलिए पड़ी जरूरत

राजधानी जयपुर होने के बाद भी जयपुर में एक भी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं था। राज्य के कई जिलों में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। जयपुर में निजी कॉलेजों की संख्या अधिक है। प्रदेश से बाहर के छात्र अगर यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते हैं तो उनकी पहली प्राथमिकता जयपुर होती है।

तर्क : इतनी कम जगह में बनाना संभव नहीं

विभाग के पत्र में तर्क दिया है कि कॉलेज के लिए करीब ढाई एकड़ जमीन स्वीकृत की है। ऐसे में इंजीनियरिंग कॉलेज को खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर की कम जगह में बनाना संभव नहीं है। एआईसीटीई, नई दिल्ली के मापदंड के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए 7.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। ऐसे में दूदू क्षेत्र में इस आधार पर भूमि का चयन किया जाए।
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सवाल : पहले क्यों याद नहीं आए मापदंड

तकनीकी शिक्षा विभाग का तर्क है कि जयपुर इंजीयिरिंग कॉलेज के लिए जारी की गई भूमि एआईसीटीई के मापदंडों के अनुसार नहीं है। सवाल है कि दो साल पहले विभाग ने खेतान पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में ही नए कॉलेज के लिए भूमि स्वीकृत की थी। अब विभाग ही इसे मापदंडों के अनुसार गलत बता रहा है।
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अब अधरझूल में छात्र, विरोध

रीप प्रक्रिया के तहत जयपुर के कॉलेज में तकनीकी शिक्षा विभाग ने छात्रों के मेरिट के आधार पर प्रवेश ले लिए। वर्तमान में करीब 300 छात्र कॉलेज में पढ़ रहे हैं। अब सरकार अचानक कॉलेज का संचालन दूदू से करना चाहती है। जयपुर में कॉलेज विकसित नहीं करने और दूदू में शिफ्ट करने का छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया है।
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कॉन्सेप्ट यही था कि स्टेट टेक्नोलॉजी का हब बनाया जाए

मेरे कार्यकाल में इसकी शुरुआत हुई। कॉन्सेप्ट यही था कि यहां स्टेट टेक्नोलॉजी का हब बनाया जाए। आइटीआइ से लेकर पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज एक ही जगह मिले। कॉलेज को जयपुर से ही संचालित किया जाना चाहिए। सरकार को इसे विकसित करना चाहिए ।
डॉ. सुभाष गर्ग, पूर्व तकनीक शिक्षा मंत्री

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