भजनलाल सरकार ने इस बजट को ग्रीन थीम बजट नाम दिया गया, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया। औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिससे राजस्थान देश का प्रमुख औद्योगिक और आर्थिक केंद्र बनेगा।
उद्योग और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
औद्योगिक विकास के लिए सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं- – ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे निवेशकों को ऑनलाइन परमिशन लेने में आसानी होगी। – अब 149 अनुमतियां ऑनलाइन मिलेंगी, जिससे निवेशकों को तेजी से उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी। – जयपुर (बिचून), भिवाड़ी और खैरथल-तिजारा में ‘फ्लैटेड फैक्ट्री’ मॉडल लागू किया जाएगा। – ‘प्लग एंड प्ले मॉडल’ पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिससे नए उद्योगों को बिना किसी रुकावट के काम शुरू करने में मदद मिलेगी।
– ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) पॉलिसी लाई जाएगी, जिससे सेवा क्षेत्र (Service Sector) में निवेश बढ़ेगा। – राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी लागू की जाएगी, जिससे व्यापार क्षेत्र को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी। – दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) से लिंक कर 2 लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे।
– PM गति शक्ति अपडेशन सिस्टम बनाया जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक कॉस्ट में कमी आएगी। – मौजूदा उद्योगों के आधारभूत संरचना उन्नयन के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। – प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क/एस्टेट्स में CETP (Common Effluent Treatment Plant) लगाने के लिए मदद दी जाएगी।
राजस्थान में औद्योगिक पार्क और हब का विकास
राजस्थान में उद्योगों के विस्तार के लिए कई औद्योगिक पार्क और हब बनाए जाएंगे- – आकोला-चित्तौड़गढ़ में ‘ग्रीन टेक्सटाइल हब’ का निर्माण होगा। – कोटा में ‘टॉय पार्क’, निम्बाहेड़ा-चित्तौड़गढ़ और बूंदी में ‘स्टोन पार्क’ बनाए जाएंगे। – सोनियागढ़-चित्तौड़गढ़ में ‘सिरेमिक पार्क’, भीलवाड़ा में ‘टेक्सटाइल पार्क’ का विस्तार होगा। – सांगानेर-जयपुर में ‘ब्लॉक प्रिंटिंग जोन’ स्थापित किया जाएगा। – DMIC के अंतर्गत ‘फार्मा पार्क स्थापित किया जाएगा। – अजमेर, अलवर, रूपवास, पीपलूद, भीलवाड़ा, बीकानेर, दौसा, कोटा, जालौर समेत कई जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।
स्टार्टअप और उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा
राजस्थान में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए- – 5,000 से अधिक स्टार्टअप पहले से कार्यरत हैं, जिनसे 36,000 युवाओं को रोजगार मिला है।
– अगले साल 1,500 नए स्टार्टअप स्थापित किए जाएंगे। – 750 से अधिक स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। – हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में स्टार्टअप नेटवर्किंग हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी।
– भरतपुर, कोटा, अजमेर और बीकानेर के साइंस सेंटरों में इनोवेशन हब बनाए जाएंगे। – अलवर, अजमेर और बीकानेर में डिजिटल प्लेनेटेरियम बनाए जाएंगे। – युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने के लिए ‘स्कीम फॉर फर्स्ट टाइम एंटरप्रेन्योर’ लागू की जाएगी।
– इस योजना के तहत 25,000 महिला और एससी-एसटी उद्यमियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। – ‘विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना’ शुरू की जाएगी, जिससे युवाओं को अपना स्टार्टअप शुरू करने में मदद मिलेगी।
रोजगार के बनेंगे नए अवसर
इस बजट में युवाओं के लिए नौकरी और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया गया है। 1.25 लाख सरकारी भर्तियां निकाली जाएंगी। 1.5 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाया जाएगा। करियर काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिससे युवाओं को सही करियर चुनने में मदद मिलेगी।
ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा
बजट घोषणा के अनुसार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के नए प्रोजेक्ट्स लागू किए जाएंगे। कचरा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘क्लीन एंड ग्रीन सिटी’ प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। बताते चलें कि राजस्थान सरकार ने इस बजट में उद्योग, निवेश और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।