इधर, पुलिस ने इन बोर्डों को आपत्तिजनक बताते हुए मंगलवार को देर शाम पुलिस मय जाप्ते के गांवों में रवाना हुई,जिसमें देवगढ़, लोहारिया, संगतपुर, पडासली पिपलिया, धामनंदा, जगदीशपुरा जैसे कई गांव से लगाए हुए बोर्ड को लेकर डग थाने पहुंची।
पुलिस द्वारा बोर्ड खोल लेकर आने पर, सैकड़ों की तादात में आक्रोशित ग्रामीणों ने डग थाने पहुंच कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और बोर्ड पुनः लौटने की बात कही। जिस पर प्रशासन ने ग्रामीणों से समझाइश कर आपत्तिजनक शब्दों पर कलर पुतवाकर ग्रामीणों को बोर्ड पुनः लौटाए, तब जाकर मामला शांत हुआ।
पूर्व बजरंग दल जिला संयोजक सुरेश कुमावत ने इस बारे में बताया कि प्रशासन द्वारा बिना समन्वय बैठक सूचना के वहां पहुंचा जिस पर जनता में आक्रोश पैदा हुआ अगर पहले ही ग्रामीणों की मीटिंग बुलाकर चर्चा कर लेता गांव में नहीं जाता तो ग्रामीणों में आक्रोश एवं थाने का घेराव नहीं होता।इस प्रकार के मामले में प्रशासन को चाहिए कि दोनों पक्षों की समन्वय बैठक करे उसके बाद निर्णय लिए जाए ताकि आगे भविष्य में कभी परेशानी नहीं आए।