scriptएक जंगल उजड़ा… दूसरा बचाया गया: हैदराबाद बनाम राजस्थान की दो तस्वीरें जो सोचने पर मजबूर करती हैं | hyderabad-jungle-destruction-vs-rajasthan-tunnel-conservation | Patrika News
कोटा

एक जंगल उजड़ा… दूसरा बचाया गया: हैदराबाद बनाम राजस्थान की दो तस्वीरें जो सोचने पर मजबूर करती हैं

Hyderabad VS Rajasthan: राजस्थान के प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि यह सिर्फ सोच का फर्क है। विकास दोनों जगह हो रहा है। लेकिन राजस्थान ने बताया कि इरादे नेक हों, तो पर्यावरण और विकास साथ चल सकते हैं। किसी को भी नुकसान नहीं होगा। जबकि हैदराबाद की हालत देखकर लोग चिंतित हैं।

कोटाApr 11, 2025 / 12:22 pm

JAYANT SHARMA

आज भारत विकास की दौड़ में है, लेकिन यह दौड़ कितनी संवेदनशील है, इसका जवाब हमें दो राज्यों की दो तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है। एक तरफ है हैदराबाद का उजड़ता जंगल और राजस्थान का संरक्षित टाइगर रिजर्व। एक जगह तो सैंकड़ों बीघा क्षेत्र में जंगल उजाड़कर नई सिटी बसाने की योजना है, तो दूसरे राज्य में 1200 करोड़ से टनल बनाई जा रही है जो लगभग अंतिम मोड पर है। पैसा ज्यादा इसलिए लग रहा है क्योंकि यह जंगल से होकर गुजरेगी, लेकिन किसी भी जंगली जानवर को नुकसान पहुंचाए बिना…..।
पहले बात राजस्थान की, जहां जंगल के नीचे हो रहा है मंगल…
दरअसल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बारे में तो सभी ने पढ़ा है। यह कई राज्यों से होकर गुजर रहा है। इसमें राजस्थान के भी कई शहर शामिल है। इन्हीं एक शहरों में कोटा है। कोटा में संरक्षित टाइगर रिजर्व है, यानी बाघों और अन्य जंगली जानवरों के लिए खुद का घर। संरक्षित इसलिए है क्योंकि सरकार इसका पूरा ध्यान रखती है और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि नहीं होने देती। जब एक्सप्रेसवे को कोटा से निकाले जाने की बात हुई तो पता चला कि मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व बीच में आ रहा है। ऐसे में एक्सप्रेसवे बनाने वाली टीम चिंचित हुई। मामला सरकार तक पहुंचा तो निर्णय हुआ कि जंगल के नीचे से एक टनल बनाई जाए। टनल का काम अब लगभग पूरा होने को है। कल टनल का काम करने वाले अफसरों और कार्मिकों ने खुशी जताई कि यह टनल अब दोनों ओर खुल गई है। यानी अब दोनों ओर रास्ता खुल गया है। फिलहाल यह नौ मीटर का है। इसे 19 मीटर किया जाना है। यहां आठ लेन रोड बनेगी जिससे हवा की रफ्तार से वाहन गुजर सकेंगे। उपर जंगली जानवर और उनका आशियाना बचा रहेगा। इसकी लंबाई करीब पांच किलोमीटर है। यह अपने आप में देश की इकलौती टनल है।
दूसरी ओर हैदराबाद में हाई.टेक सिटी प्रोजेक्ट के लिए करीब 400 एकड़ घना जंगल उजाड़ा जा रहा है। यहां आईटी कंपनियां, ग्लास टावर्स और सिक्स लेन सड़कें बनेंगी। लेकिन इस विकास की कीमत जंगल ने चुका रहा है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में जंगली जानवर बेघर हो रहे हैं। हांलाकि सरकार सब कुछ व्यवस्थित करने की बात भी कर रही है। लेकिन सोशल मीडिया पर काफी विरोध हो रहा है।
राजस्थान के प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि यह सिर्फ सोच का फर्क है। विकास दोनों जगह हो रहा है। लेकिन राजस्थान ने बताया कि इरादे नेक हों, तो पर्यावरण और विकास साथ चल सकते हैं। किसी को भी नुकसान नहीं होगा। जबकि हैदराबाद की हालत देखकर लोग चिंतित हैं। राजस्थान में जंगल बचाए और जानवरों को भनक तक नहीं लगी कि उनके नीचे से हजारों गाड़ियां गुजरेंगी। क्या वाकई विकास का मतलब विनाश है ? आपकी क्या राय है…..।

Hindi News / Kota / एक जंगल उजड़ा… दूसरा बचाया गया: हैदराबाद बनाम राजस्थान की दो तस्वीरें जो सोचने पर मजबूर करती हैं

ट्रेंडिंग वीडियो