Blood Sugar Control Diet : ब्लड शुगर कंटोल करने के लिए कैसा खाना सही है
Blood Sugar Control Diet : डायबिटीज़ तेजी से बढ़ती बीमारी है, जिससे करोड़ों लोग प्रभावित हैं। इसमें खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में सही भोजन चुनना ब्लड शुगर कंट्रोल करने का सबसे असरदार तरीका है।
Blood Sugar Control Diet : सही भोजन चुनकर ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना बहुत ज़रूरी है, खासकर आजकल जब डायबिटीज (शुगर) की बीमारी बहुत ज्यादा फैल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हिसाब से अपने देश में ही 18 साल से ज्यादा उम्र के 7 करोड़ 70 लाख लोग टाइप 2 डायबिटीज से जूझ रहे हैं और करीब 2 करोड़ 50 लाख लोगों को शुगर होने का खतरा है।
शुगर एक ऐसी बीमारी है जिसमें खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसे ठीक से मैनेज न किया जाए तो यह शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है या होने का खतरा है, तो खान-पान का बहुत ध्यान रखना बेहद जरूरी हो गया है। सही खाना चुनकर ही हम अपने ब्लड शुगर को काबू में रख सकते हैं और सेहतमंद ज़िंदगी जी सकते हैं।
Blood Sugar Control Diet : डायबिटीज़ में आहार का महत्व
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है। इस स्थिति में खानपान का सीधा असर शरीर की ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता पर पड़ता है। सही डाइट प्लान बनाना और उसका पालन करना ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है।
1. पारिवारिक इतिहास की भूमिका
अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ रही है, तो आपको भी इसका खतरा अधिक होता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर HbA1c जैसे टेस्ट कराना और उसके अनुसार डाइट व एक्सरसाइज़ प्लान बनवाना फायदेमंद होता है। ये प्लान आपकी जेनेटिक बनावट और लाइफस्टाइल को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाते हैं।
2. कार्बोहाइड्रेट का सही चुनाव (Healthy carbs for Diabetics)
कार्बोहाइड्रेट हमारे खाने का एक अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन डायबिटीज़ में इनके सेवन पर खास ध्यान देना पड़ता है। “कार्ब काउंटिंग” यानि हर भोजन में कितने कार्बोहाइड्रेट हैं, इसका अंदाज़ा लगाना ज़रूरी है। अच्छे स्रोतों से कार्ब्स लेना जैसे – साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियाँ, दालें और लो-फैट डेयरी – सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
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3. ग्लाइसेमिक इंडेक्स का महत्व (Low glycemic index foods)
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) यह दर्शाता है कि कोई खाद्य पदार्थ कितनी तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ाता है। लो GI फूड जैसे – दालें, साबुत अनाज और हरी सब्ज़ियाँ – धीरे-धीरे शुगर रिलीज करते हैं और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखते हैं। वहीं, सफेद चावल, आलू, मैदे से बने उत्पाद और मिठाइयाँ हाई GI फूड होते हैं, जो अचानक ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं। खासकर गर्भावस्था के दौरान GI को लेकर सजग रहना ज़रूरी होता है।
4. मात्रा का नियंत्रण (Portion Control)
भले ही आप हेल्दी खाना खा रहे हों, लेकिन अगर मात्रा ज्यादा होगी तो वह ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए हर बार खाने में सीमित मात्रा में लो-GI कार्ब्स, प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल करें। प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड को कम से कम खाएं क्योंकि इनमें फाइबर कम और ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज़्यादा होता है।
5. फैट के प्रकार पर ध्यान दें
सिर्फ फैट कम करना ज़रूरी नहीं, बल्कि यह भी देखना ज़रूरी है कि आप किस प्रकार का फैट ले रहे हैं। संतृप्त व ट्रांस फैट से बचें और अनसैचुरेटेड फैट जैसे – जैतून का तेल, एवोकाडो, मेवे, बीज और ओमेगा-3 युक्त मछली (जैसे सैल्मन, मैकेरल) को अपनी डाइट में शामिल करें। इससे दिल की सेहत भी बेहतर रहती है और ब्लड शुगर भी संतुलित रहता है।
हर व्यक्ति की सेहत और जीवनशैली अलग होती है, इसलिए एक व्यक्तिगत और संतुलित भोजन योजना तैयार करना आवश्यक है। इसमें कार्ब्स, प्रोटीन, हेल्दी फैट, फाइबर और विटामिन्स का सही संतुलन होना चाहिए। खाने से पहले लेबल ज़रूर पढ़ें और यह समझें कि उसमें क्या शामिल है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। खानपान में बदलाव, नियमित व्यायाम, समय-समय पर शुगर की जांच और डॉक्टर-न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह से एक संतुलित जीवनशैली अपनाकर डायबिटीज़ को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। याद रखें, स्मार्ट फूड चॉइसेज़ ही स्वस्थ भविष्य की कुंजी हैं।