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मुरैना

दो माह में भी पूरी नहीं हो सकी मुरैना जिले के 89 प्राइवेट कॉलेजों की जांच

शासन के निर्देश पर लीड कॉलेज ने गठित किए थे जांच दल, सात दिन में देनी थी रिपोर्ट, ऐसे भवन भी जिनमें एक से अधिक संस्थाएं संचालित

मुरैनाApr 13, 2025 / 11:59 am

Ashok Sharma

मुरैना. जिले के झुंडपुरा गांव में शिवशक्ति कॉलेज को कागजों में संबद्धता देने के मामले का खुलासा होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने लीड कॉलेज से टीम गठित कर निजी कॉलेजों का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए थे। लीड कॉलेज ने दो माह पूर्व जांच दल गठित किए थे और सात दिन में जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी थी लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है।
जिले के अग्रणी (लीड) शासकीय कन्या महाविद्यालय मुरैना की प्राचार्य भारती शुक्ला ने जिले के 89 निजी कॉलेजो का भौतिक सत्यापन कराने के लिए फरवरी की प्रथम सप्ताह में तीन टीमें बनाई थी। प्रत्येक टीम में दो-दो सदस्य रखे गए थे। इन टीमों को अलग-अलग क्षेत्र के निजी कॉलेजों की सूची सौंपी गई। इसके बाद टीमों ने कॉलेजों में जाना शुरू किया। निरीक्षण टीमों को एक सप्ताह में सभी निजी कॉलेजों की जांच कर लीड कॉलेज प्राचार्य के जरिए यह रिपोर्ट उच्च शिक्षा विभाग को भेजी जानी थी और इसी रिपोर्ट के आधार पर ही उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2025-26 के लिए नवीन मान्यता और मान्यता निरंतरता के लिए एनओसी जारी जानी हैं। बता दें कि मुरैना के झुंडपुरा में फर्जी तरीके से कागजों में संचालित हो रहे शिवशक्ति कॉलेज का खुलासा होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निजी कॉलेजों को मान्यता देने में कड़ाई बरती जा रही है। इसी के तहत शासन ने प्रत्येक अग्रणी कॉलेजों को जिले के निजी कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कराने के आदेश जारी किए थे, इसके बाद प्राचार्य ने टीम गठित की थीं लेकिन जांच पूरी नहीं हो सकी है। खबर है कि टीम के सदस्य कुछ ही कॉलेजों में पहुंचे हैं, अधिकांश कॉलेज संचालक मुरैना में आकर टीम के सदस्यों से मिलकर मनगढंत रिपोर्ट तैयार करवा चुके हैं। हालांकि लीड कॉलेज प्रबंधन अभी तक जांच पूरी न होने की बात कह रहा है।

इन बिंदुओं के तहत होगा निरीक्षण

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए प्रोफार्मा में कॉलेज के भवन का प्रकार लिखना होगा, जिसमें स्वयं, किराए का या लीज पर है, उसको अंकित करना होगा।
समिति के नाम पर कुल भूमि तथा खसरा क्रमांक, भूमि का डायवर्जन किस प्रयोजन की स्वीकृति है, परिसर में उपलब्ध कुल भवनों की संख्या, भवनबार क्षेत्रफल तथा कुल निर्मित क्षेत्रफल वर्गफीट में लिखना होगा।
प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, स्टॉफ रूम, कार्यालय कक्ष, पुस्तकालय, स्पोटर््स कक्ष, एनसीसी, एनएसएस कक्ष, छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशाला एवं कम्प्यूटर कक्ष, खेल मैदान, पार्किंग, छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, दिव्यांगजनों के लिए रैंप है कि नहीं, प्रोफॉर्मा में भरना होगा।
कॉलेज में कोड -28 के तहत शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ की संख्या की जानकारी।
कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र- छात्राएं व प्राध्यापकों व स्टाफ की जानकारी।

ये शामिल हैं टीम में


लीड कॉलेज प्राचार्य द्वारा गठित टीम में डॉ. किशोर अरोरा, डॉ. ए के उपाध्याय जौरा, कैलारस व सबलगढ़ तहसील, डॉ. रिचा गुप्ता, डॉ. एच एन हांडा मुरैना, डॉ. राजेश मौर्य, डॉ. एसपीएस उच्चारिया अंबाह पोरसा के निजी कॉलेजों का निरीक्षण का दायित्व सौंपा गया था।

एक दर्जन कॉलेज ऐसे जिनके पास भवन तक नहीं


जिले के 89 निजी कॉलेजों में एक दर्जन कॉलेज तो ऐसे हैं जिनके पास भवन तक नहीं हैं। अभी तक अन्य संस्थाओं के भवन के फोटो लगाकर मान्यता लेते रहे। कुछ कॉलेज ऐसे हैं जिनमें एक से अधिक संस्थाएं संचालित हैं, जिसमें व्यवसायिक शिक्षा के कॉलेज भी शामिल हैं।

50 प्रतिशत भवन ऐसे जिनमें एक से अधिक संस्थाएं


शासन के नियम हैं कि एक भवन में एक ही संस्था संचालित की जाए लेकिन जिले की 50 प्रतिशत प्राइवेट संस्थाएं ऐसी हैं जहां एक भवन में स्नातक कक्षाएं, बीएड, डीएड व आईटीआई और स्कूल भी संचालित किए जा रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है।
उच्च शिक्षा विभाग से आए पत्र के पालन में जिले 89 निजी कॉलेजों के भौतिक सत्यापन के लिए तीन टीम गठित की हैं। जिनमें दो- दो प्राध्यापक शामिल किए थे। उनके द्वारा जांच की जा रही थी लेकिन बीच में परीक्षाएं आ गई इसलिए जांच में विलंब हुआ है। अभी तीन चार कॉलेज और रह गए हैं उनकी जांच दो-चार दिन में पूरी कर ली जाएगी।


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