इन बिंदुओं के तहत होगा निरीक्षण
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए प्रोफार्मा में कॉलेज के भवन का प्रकार लिखना होगा, जिसमें स्वयं, किराए का या लीज पर है, उसको अंकित करना होगा।समिति के नाम पर कुल भूमि तथा खसरा क्रमांक, भूमि का डायवर्जन किस प्रयोजन की स्वीकृति है, परिसर में उपलब्ध कुल भवनों की संख्या, भवनबार क्षेत्रफल तथा कुल निर्मित क्षेत्रफल वर्गफीट में लिखना होगा।
प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, स्टॉफ रूम, कार्यालय कक्ष, पुस्तकालय, स्पोटर््स कक्ष, एनसीसी, एनएसएस कक्ष, छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशाला एवं कम्प्यूटर कक्ष, खेल मैदान, पार्किंग, छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, दिव्यांगजनों के लिए रैंप है कि नहीं, प्रोफॉर्मा में भरना होगा।
कॉलेज में कोड -28 के तहत शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ की संख्या की जानकारी।
कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र- छात्राएं व प्राध्यापकों व स्टाफ की जानकारी।
ये शामिल हैं टीम में
लीड कॉलेज प्राचार्य द्वारा गठित टीम में डॉ. किशोर अरोरा, डॉ. ए के उपाध्याय जौरा, कैलारस व सबलगढ़ तहसील, डॉ. रिचा गुप्ता, डॉ. एच एन हांडा मुरैना, डॉ. राजेश मौर्य, डॉ. एसपीएस उच्चारिया अंबाह पोरसा के निजी कॉलेजों का निरीक्षण का दायित्व सौंपा गया था।
एक दर्जन कॉलेज ऐसे जिनके पास भवन तक नहीं
जिले के 89 निजी कॉलेजों में एक दर्जन कॉलेज तो ऐसे हैं जिनके पास भवन तक नहीं हैं। अभी तक अन्य संस्थाओं के भवन के फोटो लगाकर मान्यता लेते रहे। कुछ कॉलेज ऐसे हैं जिनमें एक से अधिक संस्थाएं संचालित हैं, जिसमें व्यवसायिक शिक्षा के कॉलेज भी शामिल हैं।
50 प्रतिशत भवन ऐसे जिनमें एक से अधिक संस्थाएं
शासन के नियम हैं कि एक भवन में एक ही संस्था संचालित की जाए लेकिन जिले की 50 प्रतिशत प्राइवेट संस्थाएं ऐसी हैं जहां एक भवन में स्नातक कक्षाएं, बीएड, डीएड व आईटीआई और स्कूल भी संचालित किए जा रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है।