दिल्ली से मंजूरी मिलते ही तेजी से शुरू होगा काम
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एनसीआरटीसी केंद्र सरकार और दिल्ली,
हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश का एक संयुक्त उद्यम है। इस परियोजना को हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में से ज्यादातर राज्यों ने हरी झंडी दे दी है। जबकि दिल्ली से अभी मंजूरी मिलना बाकी है। यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली में भाजपा के सत्ता में आने से इस परियोजना पर कोई फर्क पड़ेगा? इसपर गोयल ने कहा कि एनसीआरटीसी मंत्रालय के माध्यम से काम करता है और उसका दिल्ली सरकार के साथ सुचारू संबंध है। जो अब और सुचारू होगा।
डीपीआर को दिया जा रहा अंतिम रूप
शलभ गोयल ने आगे बताया “
दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर को लेकर अब कोई बाधा नहीं है। अभी तक डीपीआर को कई बार बदला गया है। हालांकि यह नियोजन प्रक्रिया का एक भाग है। जल्द ही हम डीपीआर को अंतिम रूप देने जा रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि डीपीआर का काम पूरा होने के बाद इस परियोजना को इसी साल मंजूरी मिल जाएगी।” गोयल ने कहा कि दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर परियोजना जून तक पूरी हो जाएगी। यह तीन कॉरिडोर में से पहली परियोजना है। जिसे सबसे पहले पूरा भी किया जाएगा। इसके अलावा एनसीआर में कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं।
दिल्ली से मेरठ के बीच पहले ही चालू हो चुका है 55 किमी ट्रैक
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के 82 किलोमीटर लंबे ट्रैक में से 55 किलोमीटर पहले से ही चालू है। जबकि 27 किलोमीटर का ट्रैक जून तक चालू हो जाएगा। इस परियोजना को बिना समय और लागत बढ़ाए जून तक पूरा करना एनसीआरटीसी की प्राथमिकता है। मेरठ कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों में अब तक दैनिक सवारियों की संख्या 40,000 से 41,000 है। एनसीआरटीसी एमडी के अनुसार, तीनों कॉरिडोर पूरे होने के बाद कुल सवारियों की संख्या 8 लाख होने का अनुमान है।
देश के लिए उदाहरण होगा दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर
एनसीआरटीसी के एमडी शलभ गोयल ने बताया कि मेरठ मेट्रो के साथ आरआरटीएस के एकीकरण से लगभग 6,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने आगे कहा “अगर हम उत्तर प्रदेश में कॉरिडोर का काम बचत के साथ तय समय में पूरा करने में सफल हुए तो यह पूरे देश के लिए उदाहरण बन जाएगा। हम न केवल पारगमन नोड्स के बारे में बात कर रहे हैं। बल्किहम उन कमियों के बारे में भी बात कर रहे हैं। जिन्हें हमने दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर में पहचाना है।” उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी ने अपने स्टेशनों के एक किलोमीटर के दायरे में जल निकासी और पानी की आपूर्ति के मुद्दों की पहचान की है। इसे मेरठ और गाजियाबाद अधिकारियों के साथ साझा भी किया है।
तीन चरणों में पूरा होगा दिल्ली-अलवर-पानीपत कॉरिडोर का काम
एनसीआरटीसी सूत्रों की मानें तो दिल्ली-अलवर और दिल्ली पानीपत कॉरिडोर का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके तहत दिल्ली-अलवर कॉरिडोर पर 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। 37 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का काम साल 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर साइबर सिटी, इफ्को चौक, राजीव चौक और हीरो होंडा चौक होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 48 (NH-48) से होकर गुजरेगा। जबकि दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर में 17 स्टेशन बनाए जाएंगे। 21600 करोड़ की लागत वाला यह कॉरिडोर हरियाणा के सोनीपत, गन्नौर, समालखा होते हुए पानीपत को दिल्ली से जोड़ेगा। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी रैपिड रेल
दिल्ली-अलवर रैपिड रेल प्रोजेक्ट के पहले चरण में दिल्ली सराय कालेखा, शाहजहांपुर, नीमराणा, बहरोड 107 किलोमीटर का होगा। इसमें करीब 16 स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें से पांच स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि 11 स्टेशन एलिवेटेड रहेंगे। इसके अलावा जयपुर-दिल्ली हाईवे के किनारे रैपिड रेल का संचालन किया जाएगा। दूसरे चरण में 35 किलोमीटर सोतानाला तक ट्रैक तैयार किया होगा। तीसरे और अंतिम चरण में अलवर तक 58 किलोमीटर का ट्रैक तैयार किया जाएगा। यह पूरा कॉरिडोर 199 किलोमीटर लंबा होगा। इस ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रैपिड रेल का संचालन किया जाएगा। जबकि ट्रैक 180 किलाेमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के अनुसार तैयार किया जाएगा।
नोएडा में एक नए रूट पर मेट्रो दौड़ाने की तैयारी
इसके अलावा नोएडा सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक नए रूट पर मेट्रो दौड़ाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। नोएडा रेल मेट्रो कॉरपोरेशन के सूत्रों की मानें तो नई मेट्रो लाइन के टोपोग्राफी सर्वे के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सेक्टर-142 से सेक्टर-38ए बॉटेनिकल गार्डन तक एक नई मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी सर्वे होगा। इसके बाद रूट का डिजाइन तैयार होगा। एनएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि यह रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही एक्वा लाइन मेट्रो का लिंक रूट होगा।