विधायक अभय वर्मा ने आम आदमी पार्टी पर कसा तंज
इसके बाद हेल्थ से जुड़ी कैग रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा के दौरान लक्ष्मी नगर से
भाजपा विधायक अभय कुमार वर्मा ने फिर बोलना शुरू किया। इसी बीच आम आदमी पार्टी के विधायकों में से किसी ने उन्हें टोक दिया। इस पर वर्मा ने फिर तंज कसते हुए कहा “दिल्ली के मालिक लापता हो गए, और जब सेवक आ गए तो दर्द हो रहा है?” उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली हमारा मंदिर है और हम इसके पुजारी हैं।”
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई की दी चेतावनी
लक्ष्मी नगर विधायक अभय कुमार वर्मा ने अपनी बात जारी रखते हुए
अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि जनता ने उन्हें इस लायक भी नहीं छोड़ा कि वे अब विधानसभा में बैठ सकें। माहौल बिगड़ता देख विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने चेतावनी दी कि चर्चा को बाधित न किया जाए, वरना कार्यवाही करनी पड़ेगी। इसके बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ।
आतिशी के सामने अभय वर्मा ने हाथ जोड़े
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के कहने के बाद भाजपा के लक्ष्मीनगर से विधायक अभय कुमार वर्मा ने फिर अपनी बात रखनी शुरू की। इस बार आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कोई टिप्पणी कर दी। इसपर अभय वर्मा ने जवाब देते हुए कहा “आतिशी जी, मैं हाथ जोड़ता हूं, मुझे छेड़िए मत, वरना मैं भी छोड़ूंगा नहीं।” उन्होंने स्पीकर से भी कहा “ये लोग मेरे पुराने साथी हैं, जब इन्हें सुनना होता है, तो ये मुझे छेड़ देते हैं।” हालांकि इसके बाद मामला शांत हो गया। रूल बुक उठा भिड़ गईं आतिशी तो स्पीकर ने समझा दिया नियम
सोमवार को
आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के निष्कासन के मुद्दे पर विपक्ष की नेता आतिशी और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को रूल बुक के नियम बताए। दरअसल, ‘आप’ विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था। 3 मार्च को निलंबन के बाद विधायक पहली बार विधानसभा आए।
इसपर आतिशी ने रूल बुक दिखाते हुए पूछा कि इसमें कहां लिखा है कि विपक्ष की नेता को गांधी प्रतिमा और अपने कमरे में नहीं आने दिया जाएगा? इसपर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र वर्मा ने उन्हें रूल बुक पढ़कर सुनाते हुए कहा “नियम 277, बिंदु 3(डी) स्पष्ट रूप से कहता है। जो सदस्य सदन की सेवा से निलंबित किया गया है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन एवं समितियों की कार्यवाही में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाएगा।”