अब किया जा रहा भेदभाव
शिक्षक नेताओं के अनुसार ऑनलाइन काउंसलिंग में यथास्थान कार्यग्रहण करने और नहीं करने वाले दोनों को प्रमोशन का पात्र मानकर स्कूल चयन करने का अवसर दिया गया। काउंसलिंग के बाद पोस्टिंग आदेश से यथास्थान कार्यग्रहण नहीं कर पाने और काउंसलिंग में भाग लेने वालों को अब फोरगो करने का अवसर दिया जा रहा है। काउंसलिंग में भाग ले चुके सभी व्याख्याता में से यथा स्थान कार्यग्रहण करने वालों को फोरगो का अवसर नहीं मिलना समीचीन नहीं है।
मूल सिद्धांत का उल्लंघन
शिक्षकों की माने तो अनेक यथा स्थान कार्यग्रहण करने वाले जूनियर तथा यथा स्थान कार्यग्रहण नहीं करने वाले सीनियर हैं। ऐसे सीनियर को नियमानुसार काउंसलिंग की प्राथमिकता से स्कूल चयन का पहले अवसर मिला है। केवल यथास्थान कार्यग्रहण नहीं करने वालों को ही फोरगो का अवसर देना काउंसलिंग के मूल सिद्धांत का उल्लंघन है। यथास्थान कार्यग्रहण नहीं कर पाने और काउंसलिंग से अपनी चयनित स्कूल में अब कार्यग्रहण नहीं करने पर वह स्कूल रिक्त रहेगा और यथास्थान कार्यग्रहण करने वाले को भी वह स्कूल नहीं मिला है।
समान रूप से मिले फोरगो का अवसर
व्याख्याता पदों पर यथा स्थान कार्यग्रहण नहीं करने वाले तथा यथास्थान कार्यग्रहण करने वालों में भेद नहीं कर जिन्हें काउंसलिंग में भाग लेने का अवसर दिया गया है, उन सभी को अब फोरगो करने का एक समान अवसर दिया जाना चाहिए। – बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा।