यहां मोबाइल नेटवर्क न होने से युवाओं की शादी नहीं हो पा रही हैं। विद्यार्थियों को पढ़ने में परेशानी हो रही है। यह गांव पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आता है। नेटवर्क न होने की वजह से ग्रामीणों के लिए फोन एक खिलौना बनकर रह गया है। लड़की वाले रिश्ता करने से मना कर देते हैं।
गांव में बढ़ रही कुंवारों की संख्या
ग्रामीणों ने बताया कि लड़की के परिजन जब यह जान जाते हैं कि गांव में नेटवर्क नहीं है तो वे डर जाते हैं। वे कहते हैं कि शादी के बाद वे अपनी लड़की से बात कैसे करेंगे। संपर्क में कैसे रहेंगे। ऐसे में गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ रही है। उनकी उम्र भी ढल रही है। गांव स्थित स्कूल में विद्यार्थियों को अगर ऑनलाइन माध्यम से शिक्षकों को कुछ पढ़ाना हो तो भी परेशानी है। शिक्षकों को लगभग 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव से लगभग 7 किलोमीटर दूर धोबीसर्रा में एक निजी कंपनी का टावर लगा है। जिसका सिग्नल गांव साखादेही तक ही मिलता है। आधुनिकता के इस दौर में गांव-गांव में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के दावे यहां खोखले साबित हो रहे है।
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नेट की सुविधा नहीं होने से ऑनलाइन योजनाओं के लाभ से भी ग्रामीण वंचित हो जा रहे हैं। शासकीय कर्मचारी भी काफी परेशान होते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय अगर किसी को बहुत जरूरी बात करनी हो तो तीन से चार किमी दूर जाना पड़ता है। रात के समय कोई इमरजेंसी होने पर सुबह का इंतजार करना पड़ता है।
सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने में आती है। इसके अलावा अगर किसी वन्य जीव ने हमला कर दिया या उसकी सूचना देनी हो तो भी परेशानी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे हालात रहे तो डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा।
नहीं मिलता मैसेज, ओटीपी
प्रदेश के सबसे बड़े वनग्राम नएगांव के वासी यशवंत धुर्वे, आशा कार्यकर्ता शकुन इनवाती, संतोष धुर्वे सहित अन्य ने बताया कि स्कूल की हाजिरी लगाने शिक्षक-शिक्षिकाओं को गांव से दूर अपने मोबाइल को लेकर जाना पड़ता है। योजनाओं से संबंधित जानकारी नहीं मिलती। मोबाइल पर ओटीपी और मैसेज नहीं आते है। क्षेत्र में नेटवर्क नहीं मिलने से हितग्राहियों और ग्रामीणों को परेशानी होती है। विभिन्न परीक्षाओं और योजनाओं की प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है। नेट नहीं चलने से एमपी ऑनलाइन सेंटर भी नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन बैकिंग, बिजली के बिल जमा करने सहित अन्य जरूरी कार्य नहीं हो पा रहे है। बीएसएनएल ने बफर जोन में मोबाइल टावर लगाने के लिए आवेदन किया है। अगर यह टावर लग जाता है तो नयेगांव के निवासियों को इस समस्या से निजात मिल जाएगी।- रजनीश सिंह, डप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व