हालांकि इस क्षेत्र में वन्यजीवों की क्रॉसिंग के लिए अंडरपास का पहले भी प्रावधान था, लेकिन पहले इनकी लंबाई 30-30 मीटर ही थी, लेकिन अब कूनो वनमंडल की आपत्ति के बाद इनकी लंबाई बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। जिसमें अब लंबाई 400 मीटर से 1000 मीटर(1 किमी) तक बढ़ाई जाएगी। कूनो वनमंडल के प्रस्ताव के अनुसार हाइवे के निर्माण की स्थिति का बीते रेाज भोपाल से आए एनएच-पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने भी जायजा लिया और प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
कूनो और सामान्य वनमंडल का क्षेत्र
श्योपुर जिले में नेशनल हाइवे पाली से श्योपुर और गोरस होते हुए सबलगढ़ तक तीन भाग में बन रहा है। इसमें दूसरे भाग गोरस से श्यामपुर के बीच का इलाका कूनो वनमंडल और सामान्य वनमंडल के क्षेत्र में आता है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में वन्यजीवों की आवाजाही रहती है, वहीं कूनो नेशनल पार्क के चीते व अन्य वन्यजीव भी इधर आते हैं। यही वजह है कि हाइवे पर वाहनों से दुर्घटना से वन्यजीवों को बचाने के लिए 13 स्थानों पर ये अंडरपास बनाए जाएंगे। ताकि वन्यजीव इन ओवर ब्रिज के नीचे से आसान से निकल सकें और वाहनों की चपेट में न आएं। यही वजह है कि पहले से निर्धारित 30-30 मीटर लंबाई के अंडरपास को अब 400 से 1000 मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
जिले में यूं तीन भाग में बन रहा है नेशनल हाइवे
पार्ट – सड़क – लंबाई पार्ट-1 पाली-श्योपुर-गोरस 48.4 किमी पार्ट-2 गोरस-श्यामपुर 63.4 किमी पार्ट-3 श्यामपुर-सबलगढ़ 55.0 किमी गोरस से पहले ही घूम जाएगा बायपास
गोरस-श्यामपुर हाइवे निर्माण में गोरस गांव में बायपास बनाया जाएगा। यही वजह है कि श्योपुर-गोरस मार्ग पर गोरस से 5 किलोमीटर पहले ही बायपास घूम जाएगा, जो गोरस-श्यामपुर मार्ग पर 5 किमी आगे मोड़ पर निकलेगा। यही वजह है कि वाहन चालकों का एक बड़ा फेर बचेगा।
63 किलोमीटर लंबा है गोरस-श्यामपुर का भाग
नेशनल हाइवे 552 (एक्सटेंशन) के अंतर्गत गोरस से श्यामपुर वाला भाग 63.4 किलोमीटर लंबा है। गत वर्ष हुई टेंडर प्रक्रिया के अनुसार इसके निर्माण पर 416 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें वन विभाग का भू अर्जन भी शामिल है। हालांकि संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी ने हाइवे निर्माण के लिए प्रारंभिक कार्य शुरू करा दिया है, लेकिन अंडरपास की लंबाई बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलेगी, उसके बाद काम आगे बढ़ेगा।
गोरस-श्यामपुर के हाइवे में 13 स्थानों पर बनेंगे अंडरपास
गोरस-श्यामपुर के हाइवे में 13 स्थानों पर अंडरपास बनेंगे, ताकि नीचे से वन्यजीव आसानी से निकल सकें। पहले इनकी लंबाई 30-30 मीटर निर्धारित थी, लेकिन अब 400 से 1000 मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया है।