नहीं मिल पाता है इलाज मरीजों के अनुसार सरकार निशुल्क जांच योजना के जरिए लोगों को राहत देने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। जांच में देरी और कई बार गलत रिपोर्ट से मरीजों को दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिससे मरीज का न तो समय पर इलाज हो पाता है, न ही उन्हें मरीज की सही स्थिति की जानकारी मिलती है।
इन जांचों के लिए परेशानी मौजूदा जीवनशैली के कारण शरीर में कई हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिससे मरीज के शरीर में संक्रमण कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में हार्मोनल और पैथोलॉजी में शामिल एचबी, टीएलसी, एचबी,ईएसआर सरीखी जांच करवानी जरूरी होती है। कई बार मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे में संक्रमण की जांच होना बेहद जरूरी हो जाता है। जिससे मरीज का सटीक उपचार हो सकेगा।
स्टॉफ की कमी के कारण मरीजों को होती है परेशानी अस्पताल में पैथोलॉजी के सैंपल जांच के लिए कल्याण अस्पताल सैंट्रल लैब भेजे जाते हैं। स्टॉफ की कमी के कारण कई बार मरीजों को परेशानी होती है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई है।
मनोज धायल, प्रभारी जनाना अस्पताल