तहसीलदार ने बताया कि होटल उद्यमी ने राजस्व ग्राम सीसारमा के आराजी संख्या 1797,1798 में नगर विकास प्रन्यास की ओर से जारी पट्टे की भूमि में बिना स्वीकृति एवं बिना भू-उपयोग परिवर्तन करवाए व्यवसायिक निर्माण करवाया। जांच में उक्त निर्माण सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के ईको सेंसेटिव जोन की सीमा में स्थित होना पाया गया। ईको सेंसेटिव जोन में कलक्टर की अध्यक्षता में गठित मॉनिटरिंग कमेटी से स्वीकृति लिया जाना अनिवार्य है, जिसे नहीं ली गई। मौके पर पूरा निर्माण बिना स्वीकृति के अवैध तरीके से करवाया गया। यूडीए टीम ने निर्माण को पूर्व में रुकवाते हुए बगैर सक्षम स्वीकृति के निर्माण नहीं करने के लिए पाबंद भी किया। इसके बावाजूद मौके पर निर्माण होने पर टीम ने उदयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 2023 की धारा 32 के तहत प्रकरण दर्ज किया। इसके बाद भी मौके पर उक्त बिना स्वीकृति निर्माण किया जा रहा था। इस पर उपायुक्त के आदेश पर तहसीलदार डॉ. शर्मा के नेतृत्व में पटवारी सूरपालसिंह सोलंकी, दीपक जोशी, भू-अभिलेख बाबूलाल तेेली ने पुलिस व होमगार्ड जाप्ते के साथ सीज की कार्रवाई की।
यूडीए करेगी पूरे क्षेत्र का निरीक्षण
पर्यावरणविद व कानूनविद जानकारों ने बताया कि ईको सेंसेटिव ज़ोन 29.8 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसका विस्तार सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की सीमा के आसपास 250 मीटर से लेकर 5 किलोमीटर तक है। ईएसजेड और वन्यजीव अभयारण्य के लिए स्थान मानचित्र और सीमाओं का नक्शा 13 फरवरी 2017 के राजपत्र अधिसूचना और उसके बाद के संशोधनों के बाद पेश किया गया। इन नियमों के अनुसार यह पूरा क्षेत्र निर्माण निषेध क्षेत्र है। यहां पर आवासीय क्षेत्र में भी निर्माण के नियम बने हुए हैं। यूडीए टीम इस पूरे क्षेत्र का सर्वे करेगी।