मंदिर से जुड़ी जानकारी देते हुए विष्णु रस्तोगी ने बताया कि 1978 के बाद यहां कोई पर्व नहीं मनाया गया था, लेकिन अब प्रशासन की पहल से यह मौका आया है और आज शिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए मंदिर में लगातार पहुंच रहे हैं और महाशिवरात्रि के इस विशेष अवसर को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर है।
कांवड़ यात्री थी आते थे पहले
विष्णु रस्तोगी ने कहा कि यहां पर पहले कांवड़ यात्री भी आते थे, लेकिन दंगे के बाद यह सब कुछ बंद हो गया। पूरा इलाका ही वीरान हो गया था। इसके बाद यहां से लोग पलायन करके दूसरी जगहों पर चले गए, क्योंकि यहां लोग असुरक्षित महसूस कर रहे थे।
आस्था के रंग में रंगा संभल
विष्णु रस्तोगी ने आगे कहा कि अब हमें बहुत खुशी हो रही है कि जिला प्रशासन ने इस मंदिर को खुलवाया है। इससे श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। हम सब सच में बहुत खुश हैं। हम इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। लोग यहां पर आकर खुशी से जल चढ़ा रहे हैं। कई वर्षों के बाद हमें ऐसा मौका देखने को मिल रहा है। चार दशकों के बाद हमारा सपना पूरा हुआ है। हम जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हैं, क्योंकि उनकी पहल पर ही हमें यह मौका मिला है।