बांसवाड़ा। एक तलाकशुदा युवक से लाखों के जेवर-नगदी लेकर वैवाहिक संबंध जोड़ने के ढाई माह बाद दुल्हन दगा दे गई। प्रतापगढ़ के कथित मैरिज ब्यूरो की मदद से साजिश के तहत धोखे की शिकायत पर घाटोल पुलिस ने एमपी की युवती और रिश्तेदार के साथ ब्यूरो संचालक दंपती को नामजद किया है।
पुलिस के अनुसार ईसरवाला, निचली मोरड़ी निवासी 30 वर्षीय रमेश पुत्र गणेश प्रजापत ने खरगोन के आगरवाड़ा, बड़वाह निवासी शीतल पुत्र बाबूलाल गोयल, अरनोद रोड प्रतापगढ़ निवासी अल्पेश पुत्र धरमचंद जैन, उसकी पत्नी रानू और खरगोन के गुलावड, महेश्वर निवासी अर्चना पत्नी सचिन खेडेकर के खिलाफ रिपोर्ट दी। पुलिस ने केस दर्ज कर तहकीकात का जिम्मा एएसआई मेघराज को सौंपा।
प्रतापगढ़ बुलाकर करवाई शादी
शादी के खर्च पर एक लाख सहित कुल पांच लाख रुपए देने पर 19 जून, 2024 को आरोपियों ने प्रतापगढ़ बुलाकर कोर्ट परिसर में विवाह अनुबंध-पत्र लिखवाया। फिर जेवर चढ़ाने पर मंदिर में विवाह करवाया। ईसरवाला वापसी के बाद करीब डेढ़ माह तक शीतल साथ रही। फिर एक दिन उसकी गैरमौजूदगी में अल्पेश घर आया और बिना किसी को कुछ बताए शीतल को ले गया।
शाम को घर लौटने पर पत्नी नहीं दिखी तो कॉल किया। तब उसने जरूरी काम होने से अल्पेश के साथ प्रतापगढ़ जाना बताया और दो दिन में वापसी की बात की। उसके तीन दिन बाद भी जब शीतल नहीं आई तो कॉल करने पर उसने फिर 1-2 दिन में आने का कहकर टाला।
लेने गया तो मिली धौंस-धपट
शंका पर जब वह स्वयं प्रतापगढ़ गया, तो अल्पेश के घर पर उसकी पत्नी रानू मिली। उसने शीतल और अल्पेश भोपाल गए बताकर सप्ताहभर में आने की बात कही। फिर बांसवाड़ा लौटकर लगातार संपर्क पर भी शीतल नहीं आई। आखिर में 11 फरवरी को शीतल ने यह कहकर आने से इनकार कर दिया कि उसने दूसरी जगह शादी कर ली है और अब फोन करने या प्रतापगढ़ आने पर दहेज व बलात्कार का केस कर जेल भिजवा देगी।
यह सुनकर उसने जैन से नकदी-जेवर वापसी की बात की कर चेताया कि धोखे पर वह केस कर देगा। इस पर जैन ने पुलिस में सांठ-गांठ का दावा कर कहा कि होशियारी की तो मध्यप्रदेश की कोर्ट में शीतल से केस करवा कर जेल भिजवा देगा। तब पता चला कि आरोपियों ने मिलकर शादी का झूठा नाटक रच कर प्रार्थी से नकदी-जेवर हड़पते हुए ठगी की है।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह पहली शादी टूटने के बाद करीब पांच साल से योग्य वधू की तलाश में था। मई 2024 में उक्त दंपती किसी काम से ईसरवाला आया तो जान-पहचान में खुद को मैरिज ब्यूरो संचालक बताते हुए अच्छे घर की लड़की से शादी कराने का भरोसा दिलाया।
सप्ताहभर बाद दंपती शीतल व उसके परिजन को लेकर आए। फिर शादी तय कर शर्त रखी कि लड़की को 5 तोला सोने के जेवर, ब्याह का खर्च के साथ वधू के परिवार की खराब माली हालत देखते हुए चार लाख रुपए मदद के रूप में देने होंगे। इसे स्वीकार करने पर वह फंस गया।