विरोध करने पर दी जान से मारने की धमकी
कैंट के कांधरपुर निवासी राम दुलारे ने 2018 में गांव के ओमप्रकाश से 1.5 लाख रुपये ब्याज पर उधार लिए थे। वे हर महीने 7,500 रुपये ब्याज चुकाते रहे, लेकिन जब उन्होंने पूरा कर्ज वापस करना चाहा, तो ओमप्रकाश और उसके साथी प्रेमपाल, जगदीश और भूदेव ने उनकी जमीन का बैनामा कराने का दबाव बनाया। जब राम दुलारे ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। राम दुलारे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान ओमप्रकाश ने पुलिस को गुमराह करते हुए दावा किया कि उसने 1.5 नहीं, बल्कि 12 लाख रुपये उधार दिए थे। मामला कोर्ट में पहुंचा और 26 नवंबर 2018 को अवर न्यायालय में केस दर्ज किया गया।
राम दुलारे की मौत के बाद भी जारी रही धोखाधड़ी
इस बीच 20 अप्रैल 2020 को राम दुलारे का निधन हो गया। इसके बाद पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला खारिज कर दिया गया। लेकिन राम दुलारे की पत्नी भाग्यवती ने सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की। इस दौरान, जनवरी 2019 में, आरोपी प्रेमपाल ने राम दुलारे के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर उनकी कृषि भूमि अपने नाम करवा ली। बाद में इस जमीन को 55 लाख रुपये में ओमप्रकाश के नाम बैनामा कर दिया गया, जबकि असल कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। शिकायत और कोर्ट के आदेश पर कैंट पुलिस ने ओमप्रकाश, प्रेमपाल, जगदीश और भूदेव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।