सरकारी स्कूल में 3 बच्चियों की मौत का मामला, आज होगा अंतिम संस्कार, परिजनों को मिलेगी आर्थिक मदद और संविदा पर नौकरी
3 School Girls Died After Falling Into Water Tank: जिला प्रशासन की ओर से मांगों पर सहमति देने के बाद कलक्ट्रेट के आगे से धरना समाप्त कर दिया गया। रात को बच्चियों के शवों का पोस्टमार्टम करने के आदेश जारी किए गए।
Bikaner News: बीकानेर के नोखा के केडली गांव के राप्रावि देवनाड़ा में जर्जर जलकुंड की छत गिरने से तीन स्कूली बच्चियों की मौत को लेकर चार दिन से चल रहा आंदोलन शुक्रवार रात समाप्त कर दिया गया। नोखा के जिला अस्पताल की मोर्चरी के सामने तीन दिन धरना देने के बाद बच्चियों के परिजन और ग्रामीण पैदल बीकानेर पहुंचे थे। देर शाम नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जिला कलक्ट्रेट के सामने धरना शुरू किया गया। रात 11 बजे जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की। इसमें जिला प्रशासन की ओर से मांगों पर सहमति देने के बाद कलक्ट्रेट के आगे से धरना समाप्त कर दिया गया। रात को बच्चियों के शवों का पोस्टमार्टम करने के आदेश जारी किए गए। शनिवार सुबह शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इससे पूर्व सांसद बेनीवाल ने कलक्ट्रेट के समक्ष सभा में कहा कि बच्चियों के परिजन हादसे के बाद से धरने पर बैठे है। विधानसभा में मामला उठने के बाद भी सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। ऐेसे में पीड़ित परिवार को बीकानेर आना पड़ा है। यहां भी न्याय नहीं मिला तो जयपुर तक भी जाएंगे।
प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा। कलक्ट्रेट में जिला कलक्ट्रर और पुलिस अधीक्षक भी मौजूद रहे। प्रदर्शनकारी कलक्ट्रेट के बाहर अधिकारियों से बातचीत करने पर अड़े रहे। दूसरी तरफ प्रशासन वार्ता के लिए कलक्ट्रेट में बुलाता रहा।
प्रशासन की नींद उड़ी
धरने पर नोखा से मगनाराम केड़जी, विजय बेनीवाल समेत कई नेता नोखा से पहुंचे। बच्चियों के समर्थन में सुरजाराम जाट, केशुराम, हनी गर्ग, मनोज भार्गव, सुराजराम राहड़, हिमताराम राहड़, जितेन्द्र जाट, ओमप्रकाश, रेखाराम आदि पैदल मार्च से पहुंचे। जिला कलक्ट्रेट के सामने देर रात तक बेनीवाल ने सभा को संबोधित किया। प्रशासन की नींद भी उड़ी रही। भारी पुलिस जाब्ता और वाटरकैनन गाड़ी भी तैनात रही।
सिस्टम को बदलने के लिए शहादत : बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत जर्जर है। सिस्टम बदलने के लिए यह बच्चियों की शहादत है। मुख्यमंत्री को संवेदनशीलता दिखाते हुए जिमेदारों को बचाने की जगह कार्रवाई करनी चाहिए। देर रात को बेनीवाल ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, धरने से नहीं उठेंगे।
तीनों परिवारों के एक-एक सदस्य को संविदा पर नौकरी का वादा
बच्चियों की मौत के मामले में चल रहा आंदोलन शुक्रवार देर रात समाप्त कर दिया गया। जिला कलक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे परिजन, ग्रामीण और अगुवा नेताओं के साथ जिला प्रशासन ने वार्ता की। इसमें उनकी मांगों को पूरा कर दिया गया। जिला कलक्टर ने पांचू के बीडीओ और सीबीईओ को निलबित करने की मांग मान ली।
रात करीब 11 बजे जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि के कक्ष में वार्ता शुरू हुई। करीब आधा घंटे चली वार्ता में मृतक बच्चियों के परिवार के एक-एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने, तीनों परिवारों को 20-20 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने पर प्रशासन ने सहमति दी। आर्थिक मदद में पांच लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से, पांच लाख रुपए सीएसआर से जुटाकर देने तथा 10 लाख रुपए नोखा मंडी की ओर से सहयोग के रूप में देने पर सहमति बनी। इसके साथ ही ग्रामीणों की भावना को देखते हुए गांव में बच्चियों के नाम पर लाइब्रेरी का निर्माण कराने के लिए जिला कलक्टर ने सहमति दी।
वार्ता में कलक्टर-एसपी के साथ प्रशासन की ओर से जिला परिषद सीईओ सोहन लाल, प्रशिक्षु आईपीएस विशाल जांगिड़, प्रशिक्षु आईएएस अवालु सांई कृष्ण, एडीएम प्रशासन रामवतार कुमावत, एडीएम सिटी रमेश देव सिटी और एएसपी कैलाश सांदू शामिल हुए। वहीं आंदोलनकारियों की ओर से मगनाराम केडली, विजय बेनीवाल, बच्चियों के परिजनों, रामगोपाल बिश्नोई सहित सात-आठ लोग शामिल हुए। वार्ता करीब आधा घंटा चली। इसके बाद रात करीब साढ़े ग्यारह बजे सहमति बन गई। इसके बाद रात को ही बच्चियों के शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों के सुपुर्द करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई।
वार्ता के दौरान सांसद बेनीवाल धरना स्थल पर ही रहे। प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर के साथ वार्ता में सहमति बनने के बाद बाहर आकर धरना स्थल पर लोगों को इसकी जानकारी दी। बेनीवाल को मांगों पर सहमति की जानकारी देने के बाद उन्होंने धरना समाप्त करने की घोषणा की। इसके बाद धरने पर बैठे लोग नोखा के लिए रवाना हो गए।
Hindi News / Bikaner / सरकारी स्कूल में 3 बच्चियों की मौत का मामला, आज होगा अंतिम संस्कार, परिजनों को मिलेगी आर्थिक मदद और संविदा पर नौकरी