High Security Number Plate: वाहन चालकों को लगवाना होगा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
राज्य भर में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। वाहन स्वामी विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर उसमें निर्धारित शुल्क जमा कर नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने वेब साइट लिंक ‘सीजीट्रांसपोर्ट.जीओवी.इन’ जारी किया है। जबकि नंबर प्लेट लगाने का जिम्मा चार कंपनियों को सौंपा है। वेबसाइट पर आवेदन मिलने व शुल्क जमा करने पर इसकी जानकारी कंपनी को जाएगी और फिर आवेदक के मोबाइल नंबर पर नंबर प्लेट लगाने की तिथि व चयनित स्थान का मैसेज आ जाएगा। मिली तिथि में संबंधित स्थान जाकर वाहन चालकों को
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना होगा। इसमें एक सुविधा यह भी दी गई है कि अगर कोई वाहन मालिक अपने घर या संस्थान में प्लेट लगवाना चाहता है तो उसे निर्धारित पाइंट में इसकी जानकारी देनी होगी, लेकिन इसके लिए उन्हें विभाग द्वारा तय शुल्क के अतिरिक्त शुल्क देना होगा, जो कंपनी निर्धारित करेगा।
जिले में वाहनों पर एक नजर
इतने प्रमुख वाहनों में लगने हैं हाई सिक्योरिटर नंबर प्लेट जिले में कुल 48 प्रकार के 4,90,102 वाहनों में ये नंबर प्लेट लगने हैं 3 .60 हजार बाइक 47, 828 फो व्हीलर 12,346 ट्रैक्टर 20823 ट्रक सहित अन्य 44 प्रकार के वाहन शामिल हैं। 629 वाहनों में लग चुकी
बसों की फिटनेसके लिए प्लेट लगवाना जरूरी
वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की डेड लाइन 31 मार्च तक है। जिन्होंने इसके बाद भी नहीं लगवाया, उन वाहन चालकों के घर में ई-चालान पहुंचना शुरू होगा। कॅमर्शियल वाहनों को लेकर तो अभी से सख्ती शुरू हो गई है। विशेष कर बस संचालकों को हिदायत दी गई है कि पहले बसों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाएं फिर फिटनेस किया जाएगा। इससे संचालकों में अफरातफरी मची हुई है। उनका आरोप है कि रसीद कटाने के बाद भी उनके वाहनों का फिटनेस नहीं किया जा रहा है।
इन जगहों पर सेंटर्स लेकिन पहले आवेदन जरूरी
High Security Number Plate: शहर में 3 तो जिले भर में 7 जगह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने सेंटर्स बनाए गए हैं। शहर में गोंडपारा, व्यापार विहार व अशोक नगर में नंबर प्लेट लगाने का काम हो रहा है, जबकि शहर के हट कर बिल्हा, सीपत, तखतपुर व रतनपुर में लगाए जा रहे हैं। हालांकि वाहन चालक यहां सीधे जाकर प्लेट नहीं लगवा सकेंगे, उन्हें
ऑनलाइन आवेदन कर स्थान का चयन करना होगा। ये सारे विकल्प वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट इसलिए जरूरी
यह प्लेट एल्युमीनियम से बनी होती है। इसमें एक होलोग्राम लगा होता है। इस प्लेट पर लेजर से 10 अंकों की एक खास पहचान संख्या लिखी होती है। इस प्लेट पर अशोक चक्रका क्रोमियम आधारित होलोग्राम होता है। इस प्लेट पर वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती है। इस प्लेट पर एक ही तरह के फॉन्ट का इस्तेमाल होता है।
इस प्लेट पर गैर-हटाने योग्य स्नैप ऑन लॉक होता है। इस प्लेट को कॉपी करके नकली प्लेट नहीं बनाई जा सकती। इस प्लेट पर बाईं तरफ बीच में नीले रंग से अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होता है।
इस प्लेट के कोने राउंड होते हैं। इस प्लेट पर परावर्तक कोटिंग होती है, जिससे रात में और कम रोशनी में भी यह दिखाई देती है। इसकी वजह से वाहन चोरी होने, अवैध गतिविधियों में शामिल होने की आशंका कम हो जाती है। साथ ही, दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों की पहचान करना भी आसान हो जाता है।
आनंदरूप तिवारी, जिला परिवहन अधिकारी बिलासपुर: वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम चल रहा है। वाहन मालिक विभागीय वेबसाइट ‘सीजीट्रांसपोर्ट.जीओवी.इन’ पर इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उसमें सारे विकल्प मौजूद हैं। मार्च तक इसे लगवाने समय दिया गया है। उसके बाद चालानी कार्रवाई शुरू की जाएगी।