scriptगुणा-भाग में उलझे राजस्थान के बच्चे, संख्याओं में हुए गुम; रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े | Rajasthan Govt School Children entangled in multiplication and division | Patrika News
चित्तौड़गढ़

गुणा-भाग में उलझे राजस्थान के बच्चे, संख्याओं में हुए गुम; रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Rajasthan Govt School: एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 में राजस्थान के शिक्षा स्तर को लेकर चिंताजनक आंकड़े सामने आए है।

चित्तौड़गढ़Feb 17, 2025 / 08:00 am

Alfiya Khan

Rajasthan student
नितिन भाल
चित्तौड़गढ़। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 में राजस्थान के शिक्षा स्तर को लेकर चिंताजनक आंकड़े सामने आए है। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में गणित के मूलभूत कौशलों में बच्चों की स्थिति कमजोर है। हालांकि, छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार देखा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के बच्चों की गणितीय क्षमता कम पाई गई। कक्षा 3 के केवल 20% छात्र ही संख्या घटाव कर सकते हैं। कक्षा 5 के केवल 22% छात्र ही भाग देने में सक्षम हैं। कक्षा 8 के मात्र 33 % छात्र ही विभाजन कर सकते हैं, वहीं कक्षा एक से 5 तक के बच्चों की गणित में समझ अच्छी पाई गई। विशेषज्ञों के अनुसार स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कमजोर कर सकता है और बच्चों का गणित व अन्य विषयों में प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

कक्षा-शिक्षक अनुपात गिरा

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ है, जो सकारात्मक संकेत है। 2022 में 68.5 फीसदी स्कूलों में यह अनुपात मानकों पर खरा था, जो अब 2024 में बढ़कर 81.6 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, कक्षा शिक्षक अनुपात में गिरावट आई है।
2022 में यह अनुपात 77.3 प्रतिशत स्कूलों में संतोषजनक था, लेकिन 2024 में घटकर 70.6 फीसदी पर आ गया। इसका मतलब यह है कि स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कक्षाओं में एकल शिक्षक की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम

■ गणितीय शिक्षा को मजबूत करना
■ डिजिटल लर्निंग का समुचित उपयोग
■ शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार
■ खेल मैदानों की संख्या बढ़ाई जाए

खेल मैदानों की संख्या में गिरावट

शारीरिक शिक्षा और खेलकूद को शिक्षा का अहम हिस्सा माना जाता है, लेकिन राजस्थान के सरकारी स्कूलों में खेल मैदानों की संख्या में कमी आई है। 2022 में 77.3 फीसदी स्कूलों में खेल मैदान उपलब्ध थे, जो 2024 में घटकर 76.1 प्रतिशत रह गए हैं। खेल मैदानों की संख्या में गिरावट का असर छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

छात्रों के सीखने के तरीकों में बदलाव

स्मार्टफोन और डिजिटल उपकरणों के उपयोग से छात्रों के सीखने के तरीकों में बदलाव आ रहा है। शिक्षा विभाग, शिक्षकों और अभिभावकों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके।
-रमेश पुष्करणा, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय

Hindi News / Chittorgarh / गुणा-भाग में उलझे राजस्थान के बच्चे, संख्याओं में हुए गुम; रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

ट्रेंडिंग वीडियो