महिला सशक्तिकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
महिला सशक्तिकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को संदर्भित करते हुए माननीय कुलाधिपति महोदय ने कहा कि मौजूदा भारत में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां पर महिलाओं की उपस्थिति न हो।महिलाओं ने अपने को हर क्षेत्र में प्रमाणित किया है। जबकि दुनिया के कई मुल्कों में महिलाएं किचन और बच्चों तक ही सीमित हैं वहीं भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।
महामहिम का युवाओं को संदेश
माननीय कुलाधिपति ने अपने संबोधन में छोटे-छोटे किंतु कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर युवाओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि आजकल युवाओं में जो रील बनाने की प्रवृत्ति दिख रही है, उसके प्रति उन्हें बेहद सावधान होना होगा। ऐसा न हो कि युवा रील के चक्कर में अपने सुनहरे भविष्य से भटक जाएं।उन्होंने कहा कि युवाओं को नशा और दहेज के प्रति विशेष सजग होने की जरूरत है।उन्हें प्रतिज्ञा करने की जरूरत है कि हम स्वयं को इससे दूर रखेंगे। नशे की लत वह दहेज के लेनदेन से दूर रहने वाले युवाओं को कभी कोई हरा नहीं सकता. उन्होंने कहा कि युवाओं को मोबाइल और पुस्तकालय के बीच समन्वय स्थापित करना होगा। उन्हें समझना होगा कि हमें कितना समय, कहां देना है।
कुलपति का स्वागत वक्तव्य
हीरक जयंती समारोह के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि पिछले कई महीनों से चल रहे 100 से अधिक कार्यक्रम विविधता के साथ-साथ उत्साह और उमंग का उदाहरण हैं. शोध, शिक्षा व नवाचार की हमारी उपलब्धियों के पीछे माननीय कुलाधिपति जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन है।उन्होंने कहा कि आज का दिन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस वर्ष हम अपनी स्थापना की हीरक जयंती मना रहे हैं। यह उत्सव हमारी 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है।
वृहद स्तर पर डिस्ट्रिक्ट कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित : प्रो. दिव्या रानी सिंह
हीरक जयंती समारोह के अन्तर्गत आयोजित “डिस्ट्रिक्ट कनेक्ट आउटरीच कार्यक्रम की संयोजक प्रो. दिव्या रानी सिंह” ने बताया कि अत्यंत वृहद स्तर पर डिस्ट्रिक्ट कनेक्ट कार्यक्रम आयोजित किया गया। सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा खेलकूद संबंधी प्रतियोगिताओं में गोरखपुर, देवरिया तथा कुशीनगर जनपद के लगभग सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। तीनों जनपदों से कुल 32000 छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया, जिसमें लगभग 4000 प्रतिभागी जनपद स्तर के लिए चयनित हुए। अंतिम निर्णायक स्तर की प्रतियोगिता विश्वविद्यालय में आयोजित की गई।
619 छात्र-छात्राएं विजयी घोषित, महामहिम के हाथों सम्मानित हुए
विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित तीनों जनपद के प्रतिभागियों के बीच निर्णायक प्रतियोगिता में विभिन्न विधाओं के कुल 619 छात्र छात्राओं को विजयी घोषित किया गया। इन विजेता प्रतिभागियों में से 200 से अधिक को कुलाधिपति एवं राज्यपाल उ. प्र श्रीमती आनंदीबेन पटेल के हाथों मेडल एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।