उन्होंने बताया कि गत वर्ष 13 नवंबर को पीड़िता के परिजन ने झोटवाड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बताया कि उनकी बेटी अवसाद में चली गई, तब दस अलग-अलग चिकित्सकों से उसका इलाज करवाया। इलाज के दौरान पीड़िता ने चिकित्सकों को अपनी आपबीती बताई, तब वारदात का पता चला। पुलिस ने रूल-4 पॉक्सो एक्ट के तहत मनोचिकित्सकों से रेप ट्रॉमा सिंड्रोम मेडिकल जांच करवाई, जिसमें पीड़िता के अवसाद व बीमार होना जाहिर किया। पुलिस ने प्रदेश में इस तरह का पहला मामला होने का दावा किया है। आरोपी शक्ति सिंह मूलत: अजमेर के केकड़ी का रहने वाला है। मामले की जांच एडिशनल डीसीपी सुलेश चौधरी को सौंपी गई थी।
परिजन को दी जानकारी
पीड़िता के अवसाद में जाने के बाद परिजन उसको अलग-अलग 10 चिकित्सकों के पास इलाज के लिए लेकर पहुंचे, तब उपचार के दौरान पीड़िता ने एक चिकित्सक को आपबीती बताई थी और चिकित्सक ने पीड़िता के परिजन को जानकारी दी। डरी सहमी पीड़िता मारपीट, क्रूरता व बदनामी के डर से अवसाद में चली गई।
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि पीड़िता वर्ष 2015 में 12 वर्ष की थी, तब आरोपी उसके पड़ोस में रहता था। उस दौरान पीड़िता को घर छोड़ने के बहाने एक खंडरनुमा भवन में ले गया और डरा धमकाकर उससे बलात्कार किया।
आरोपी ने पीड़िता का वीडियो भी बना लिया और किसी को भी बताने पर वीडियो स्कूल व कॉलोनी में वायरल करने की धमकी दी। बाद में आरोपी ब्लैकमेल कर पीड़िता को दोस्त के मकान पर ले जाकर बलात्कार किया और विरोध करने पर उससे मारपीट करता। पीड़िता के सीने पर ब्लेड से आइ लव यू गोद दिया। डरी सहमी पीड़िता अवसाद में चली गई। वर्ष 2019 तक आरोपी की यह करतूत जारी रही।