दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह डोटासरा और निलंबित विधायक सोमवार को फिर से स्पीकर के आसन की तरफ बढ़े, जिन्हें मार्शल के जरिए रोकने का प्रयास किया गया। सदन में मार्शल बुलाए जाने के बाद तनाव के हालात बन गए।
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से हुआ विवाद
इस विवाद की शुरुआत शुक्रवार को हुई, जब मंत्री अविनाश गहलोत ने सदन में इंदिरा गांधी को ‘आपकी दादी’ कहकर संबोधित किया। कांग्रेस ने इस बयान को असंसदीय करार देते हुए कड़ा विरोध जताया और चार दिन से लगातार विधानसभा में धरना दे रही है। आज जब विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए हंगामा कर दिया। इस पर स्पीकर ने कहा कि जो विधायक निलंबित किए गए हैं, वे सदन छोड़ दें और आसन का सम्मान करें।
विपक्ष का सरकार पर तानाशाही के आरोप
कांग्रेस ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट रही है। निलंबन के जरिए विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। इधर, कांग्रेस सोमवार को विधानसभा घेराव कर रही है और प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता जयपुर में जुटे हैं।
सचिन पायलट पहुंचे विधानसभा
कांग्रेस विधायकों के धरने के चौथे दिन पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी विधानसभा पहुंचे। इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें आगे की रणनीति तय की गई। बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म से मुलाकात की। देर रात भी दोनों मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों से गतिरोध खत्म करने को लेकर बातचीत की थी, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है।