चमेली के तेल से किया अभिषेक
बांकना हनुमान मंदिर में पुजारी जगदीश जोशी, ओमप्रकाश बिस्सा के सानिध्य में विशेष पूजा-अर्चना की गई। शाम को सुंदरकांड, हनुमान चालीसा व आरती के बाद प्रसादी का वितरण किया गया। कस्बे के सालमसागर तालाब पर स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर में सुबह पुजारी हरिवंश दवे के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। इस मौके पर हनुमान प्रतिमा पर चमेली के तेल से अभिषेक किया गया। सिंदुर व मालीपन्नों से प्रतिमा पर श्रृंगार किया गया। दिन भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। शाम चार बजे मंदिर में सुंदरकांड का पाठ किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने एक स्वर में सुंदरकांड का पाठ किया। इसी तरह गांधी चौक के निकट स्थित इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर, भवानीप्रोल स्थित हनुमान मंदिर में भी हनुमान जयंती के मौके पर पूजा-अर्चना कर प्रसाद चढ़ाया गया तथा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
351 किलो के रोट के चूरमे का चढ़ाया प्रसाद
कस्बे के फलसूंड रोड स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक बांकना हनुमान मंदिर में इस वर्ष 351 किलो गेहूं के आटे का एक रोट बनाकर प्रसाद चढ़ाया गया। इसे तीन दिन पूर्व अंगारों में सिकने के लिए रखा गया था। शनिवार को रोटे का चूरमा बनाया गया। जिसका प्रसाद चढ़ाकर श्रद्धालुओं में प्रसादी का वितरण किया गया। मंदिर में प्रतिमा पर बागा किया गया व पूजा-अर्चना कर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी प्रकार सालमसागर तालाब स्थित हनुमान मंदिर में भी 351 किलो गेहूं के आटे का रोटे का प्रसाद चढ़ाया गया। साथ ही दिन भर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर शाम को प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर मंदिर को आकर्षक रोशनी व फूल मालाओं से सजाया गया। शाम को हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर मेले का आयोजन हुआ।