यह केवल पुलिस ही नहीं, आमजन के लिए चिंता का विषय है। साइबर ठगी में युवा अधिक शिकार हो रहे हैं। इस अपराध से कैसे बचा जा सकता है। इसके तरीके के बारे में चौकी प्रभारी ने छात्रों को बताया। थाना प्रभारी ने बताया कि साइबर क्राइम इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल जैसी तकनीकी साधनों से किया जाता है। यह छोटे गांव से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। ऐसा अपराध करने वाले विभिन्न तरीके खोजते रहते हैं।
जीवन बीमा, आपका खाता ब्लॉक हो गया है। केवाईसी अपडेट करवाने आदि के नाम पर कॉल कर आपसे खाता, आधार आदि आवश्यक जानकारी जुटाकर ठगी हो सकती है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठग अपराध कर रहे हैं। किसी बड़े संगठन का अधिकारी बनकर डराकर, झूठी धमकियां देकर ठगने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए ऐसा कोई भी कॉल आए तो भयभीत होने की जरूरत नहीं है। तुरंत ही पुलिस को सूचना देनी चाहिए। । इसकी शुरुआत हैकिंग से हुई थी। इसके बाद मेल वेयर और अब धमकी देकर किया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर अपराध होता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
पुलिस को सूचना मिलते ही तुरंत खाते को फ्रिज कराएगी। जिससे कि राशि चुराई नहीं जा सके। विद्यालय प्रधानाचार्य रामराज मीना ने भी साइबर अपराध के बारे में बताकर जागरूक रहने की बात कही। इस मौके पर वरिष्ठ शिक्षक एहसान उल हक ने कहा कि साइबर ठगी करने वाले पहले फर्जी कॉल पर प्रलोभन देते हैं। जिसके जरिए बैंक डिटेल, आधार या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर लेते है। इसके बाद खाते से राशि को उड़ा देते हैं। इसलिए सावधानी के साथ जागरूकता जरूरी है। इसमें केवल हैड कांस्टेबल घनश्याम, कमलेश, प्रधानाचार्य रामराज मीना, अमर सिंह मीना, शिवलहरी शर्मा, मदन मोहन मीना, गुड्डी मीणा, समय सिंह, खुुुर्शीद अहमद सहित कई विद्यार्थी मौजूद रहे।