113.34 लाख पौधे जनता को वितरित
चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि योजना के तहत कुल 3,584.40 हेक्टेयर भूमि का वनीकरण किया गया है। 113.34 लाख पौधे जनता को वितरित किए गए हैं। सबुजश्री पहल में नवजात शिशुओं की माताओं को जोड़ा गया है। इसके तहत, नवंबर 2024 तक नवजात शिशुओं की माताओं को 64 लाख पौधे वितरित किए गए। इसके अलावा प्रतिपूरक वनीकरण के तहत 131.48 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया जा रहा है। बजट में यह भी कहा गया कि सुंदरवन में बाघों और जलदापाड़ा में गैंडों की आबादी बढ़ रही है। गैंडों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें नए स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए 107.22 करोड़
राज्य ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 107.22 करोड़ रुपए और सुंदरवन मामलों के लिए 631.55 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इससे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में कनेक्टिविटी, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण अभियान को बल मिलेगा। सुंदरवन मामलों के लिए आवंटन का उद्देश्य वंचित समुदायों का समर्थन करना और बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण के लिए 107.22 करोड़ रुपए का आवंटन वायु प्रदूषण को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, इसमें सर्दियों के दौरान प्रदूषकों को पश्चिम बंगाल में आने से रोकने के लिए जंगलमहल क्षेत्र में अन्य राज्यों की सीमा पर बड़ी संख्या में पेड़ लगाना शामिल है।
प्राकृतिक आपदाओं से राहत की उम्मीद
राज्य बजट में नदी बंधन योजना के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने से नदी बचाओ कमेटी के सदस्यों और सुंदरवन के निवासियों में खुशी की लहर है। कमेटी के सदस्यों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे नदी किनारे बसे लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से राहत मिलेगी। बशीरहाट के महाकुमार, संदेशखाली, हिंगलगंज, हसनाबाद, हरोआ और मिनाखा समेत 10 नदी क्षेत्रों में यह योजना लागू की जाएगी। प्राकृतिक आपदाओं से अक्सर प्रभावित रहने वाले सुंदरवन के लोग इस योजना के तहत बांधों के निर्माण और जीर्णोद्धार को लेकर आशान्वित हैं।
सुंदरवन बचेगा, तो लोग बचेंगे: समिति अध्यक्ष
नदी बचाओ समिति के अध्यक्ष अजय बैन के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों से बांधों को बचाने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है। उनका मानना है कि सुंदरवन बचेगा, तो लोग बचेंगे। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह बजट आवंटन नदी तटों पर बसे हजारों परिवारों को राहत देगा। वहीं, समिति ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि वो नदी चैनलों के जीर्णोद्धार के लिए और अधिक कदम उठाए।