कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता इंदर मोहन सिंह हनी ने अपने अधिवक्ता विवेक नंदवाना के जरिए धारा 89 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह प्रकरण न्यायालय के समक्ष दायर करवाया। याचिका में बताया कि पान मसाला कंपनी की ओर से विमल पान मसाला में केसर होने का दावा करते हुए इन फिल्मी हस्तियों से प्रचार-प्रसार करवाया जाता है। इससे युवा वर्ग भ्रमित होता है। केसर का बाजार भाव ही लाखों रुपए प्रतिकिलो में है।
ऐसी स्थिति में इतनी कम दर पर विमल पान मसाला में केसर होने का भ्रमित प्रचार किया जाता है और इस संबंध में कोई पुख़्ता प्रमाण भी कंपनी की ओर से नहीं दिए गए हैं। अन्य चेतावनी इतने छोटे शब्दों में होती है कि उसे पढ़ा जाना संभव नहीं होता है। इस परिवाद पर आयोग के अध्यक्ष अनुराग गौतम और सदस्य विरेंद्र सिंह रावत ने चारों को नोटिस जारी कर 21 अप्रेल को व्यक्तिगत उपिस्थत होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।