क्या है पूरा मामला ?
आगरा के सईयां थाना क्षेत्र के अईला गांव निवासी 35 वर्षीय रामनरेश सिंह पुणे में पेठा बेचते थे। वह अपनी पत्नी के साथ महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज आए थे। गांव के वासुदेव के मुताबिक, करीब 60 लोग डबल डेकर बस से रिजर्व करके गांव से एक साथ प्रयागराज पहुंचे थे। सोमवार सुबह बेला कछार पार्किंग पर बस रुकी, और सभी लोग संगम के लिए पैदल चल पड़े। लेकिन रामनरेश ने 600 रुपए में किराए की बाइक ली और संगम पहले ही पहुंच गए थे, जबकि बाकी लोग बाद में पहुंचे।
पत्नी करती रही इंतजार
रामनरेश के पास सामान ज्यादा था, इसलिए उन्होंने और उनकी पत्नी सीमा ने एक-एक कर स्नान करने का फैसला किया। सीमा ने पहले अपने पति को संगम में स्नान करने के लिए भेजा, और खुद कपड़े, मोबाइल समेत अन्य सामान लेकर घाट के किनारे बैठ गई। वह संगम नोज पर अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी। अचानक, उन्हीं के सामने एंबुलेंस आई, जिसमें उनके पति की डेडबॉडी रखी गई थी। लेकिन सीमा को इसका अंदाजा नहीं था। वह निश्चिंत थीं कि उनके पति संगम में स्नान कर रहे हैं, और उन्हें क्या पता था कि एंबुलेंस में उनकी ही लाश रखी जा रही थी। हॉस्पिटल में मिला रामनरेश का शव
करीब एक घंटे तक जब संगम से पति नहीं लौटे, तो सीमा की चिंता बढ़ने लगी। वह लोगों से अपने पति के बारे में पूछने लगी। सीमा भागकर अस्पताल पहुंची। वहां वो पहले तो अपने पति को पहचान नहीं पाईं और पहचान गईं तो वो बेहोश हो गईं। महाकुंभ में बने सेंट्रल हॉस्पिटल के CMS डॉ. मनोज कुमार कौशिक ने बताया कि हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। यह मौत कैसे हुई, यह जानकारी नहीं है।