अनेक जिंदगी लील ली…
सूत्र बताते हैं कि हत्या समेत अन्य अपराध में शामिल 1397 हथियार का 22 जनवरी से भौतिक सत्यापन शुरू हुआ। सात फरवरी से इन्हें ठिकाने लगाने का काम शुरू किया। इसमें करीब एक हफ्ता लगा। इनमें रिवाल्वर/राइफल, दुनाली बंदूक, देशी कट्टा ही नहीं चाकू/कुल्हाड़ी समेत अन्य धारदार हथियार भी थे। अवैध देशी कट्टों की तादात भी अच्छी खासी थी, जो अपराध के बाद जब्त हुए या फिर अपराध करने से पहले। इन हथियारों में से करीब 300 जिंदगी खत्म की गई।
तोड़ा-बिखेरा फिर लोहा-पीतल जमा कर मुख्यालय भेजा
सूत्र बताते है कि हर हथियार को तोड़ा गया। अलग-अलग कर लोहा-पीतल छांटा गया, लकडिय़ां आग के हवाले की गई। इन हथियारों से करीब 24 क्विंटल लोहा व एक क्विंटल पीतल निकली। इन्हें पुलिस मुख्यालय भेजा गया। इसके अलावा करीब दो हजार कारतूस भी थे।
नागौर में पहली बार, पचास साल पुराने हथियार भी
सूत्र बताते हैं कि नागौर में इस तरह हथियारों को नष्ट करने का काम पहली बार हुआ है। छोटे स्तर पर कभी हुआ हो, ऐसी कोई जानकारी नहीं है। पुलिस मुख्यालय से इस बार सभी जिला पुलिस अधीक्षक को निस्तारित मामलों के जमा हथियारों का डिस्पोजल करने को कहा था। बताया जाता है कि इनमें कई हथियार पचास साल पुराने हैं।
इनका कहना..
मुख्यालय से निर्देश मिले थे कि निस्तारित मामलों के जमा हथियार डिस्पोजल करें। इसके लिए एएसपी सुमित कुमार व सीओ रामप्रताप विश्नोई समेत अन्य अफसरों की कमेटी बनाई थी। भौतिक सत्यापन के बाद ये हथियार डिस्पोजल कराए गए, लोहा-पीतल मुख्यालय को भेज दिया है।
-नारायण टोगस, एसपी, नागौर।