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डॉक्टर्स व स्टाफ हड़ताल पर, इलाज और दवाओं के लिए परेशान होते रहे मरीज

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने निर्देश के बाद सागर में खलबली सागर. जिला अस्पताल का मेडिकल कॉलेज में विलय को लेकर वीडियो कांफ्रेंस में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग आयुक्त ने निर्देश दिए। आयुक्त के निर्देश ने सागर के कर्मचारी संगठन, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ में खलबली मचा दी है। जैसी ही […]

सागरFeb 23, 2025 / 07:10 pm

नितिन सदाफल

धरना पर बैठे डॉक्टर्स

धरना पर बैठे डॉक्टर्स

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने निर्देश के बाद सागर में खलबली

सागर. जिला अस्पताल का मेडिकल कॉलेज में विलय को लेकर वीडियो कांफ्रेंस में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग आयुक्त ने निर्देश दिए। आयुक्त के निर्देश ने सागर के कर्मचारी संगठन, जिला अस्पताल के डॉक्टर्स व स्टाफ में खलबली मचा दी है। जैसी ही विभाग ने जिला अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों, मशीनरी व फर्नीचर की जानकारी मांगी, तो डॉक्टर्स व स्टाफ हड़ताल पर चले गए। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर न तो किसी डॉक्टर ने मरीज को देखा, न ही उन्हें दवाएं वितरित की गईं। शनिवार को सुबह से शाम तक कर्मचारी हड़ताल पर बने रहे। आपात स्थिति न बने, इसके लिए गोपालगंज थाना की पुलिस भी परिसर में मौजूद रही।

एचआर डिटेल मांगी तो मच गया हड़कंप

शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग आयुक्त ने मर्जर के स्पष्ट निर्देश दिए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने एचआर से संबंधित डिटेल मांगी तो कर्मचारियों में खलबली मच गई। शनिवार सुबह 9 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई।

नहीं मिला इलाज व दवा

हड़ताल के दौरान प्रबंधन ने बच्चों-महिलाओं और आपातकालीन केस के लिए डॉक्टर्स तैनात किए थे, लेकिन ओपीडी के अन्य मरीज डॉक्टर्स न मिलने के कारण भटकते रहे। बंद दवा वितरण केंद्र पर मरीज खड़े रहे। वहीं स्किन, पेटदर्द, वायरल फीवर व सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी इलाज नहीं मिला, कुछ भर्ती मरीज भी छुट्टी कराकर चले गए।

संगठन आए मर्जर के खिलाफ

लघु वेतन कर्मचारी संघ, वरिष्ठ नागरिक परिसंघ, सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारी पेंशनर महासंघ, बिजली कर्मचारी महासंघ, आउटसोर्स कर्मचारी संघ, नर्सिंग एसोसिएशन, फार्मासिस्ट एसोसिएशन, शिवसेना, अजाक्स सहित शामिल हैं।

जगह-संसाधन लें पर अस्तित्व खत्म न हो

डॉक्टर्स ने कहा कि बीएमसी विस्तार के लिए जगह-संसाधन देने तैयार हैं, यदि अस्पताल का अस्तित्व खत्म किया, तो मरीजों को नि:शुल्क इलाज मिलना मुश्किल हो जाएगा। बीएमसी में मरीजों की भीड़ बढ़ेगी, समय पर व क्वालिटी इलाज प्रभावित होगा। प्रशासन नई जगह जिला अस्पताल खोलने की घोषणा करे।

ये बाेले मरीज

-एलर्जी व स्किन की समस्या को लेकर 30 किमी दूर से सागर आए थे, लेकिन यहां डॉक्टर्स ही नहीं मिले, दोपहर हो गई इसलिए बीएमसी अब कोई भी नहीं दिख रहा।
– ममता कुर्मी, मरीज।
-पत्नी को सामान्य पेट दर्द हो रहा था इसलिए जिला अस्पताल आए, लेकिन यहां डॉक्टर्स नहीं मिल रहे, मजबूरी में निजी अस्पताल जा रहे हैं।
– आकाश वाल्मिकी, परिजन।

जिम्मेदार बोले

– मर्जर को लेकर आयुक्त ने जिला अस्पताल से कुछ जानकारी मांगी है। कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए इमरजेंसी व्यवस्थाएं बनाई हैं। शासन के जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन किया जाएगा।
– डॉ. ममता तिमोरी, सीएमएचओ।

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