शुक्रवार को जेल से कैदी ने मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी भरा कॉल कर एक बार फिर कारागृह की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन में मोबाइल मिलने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एक दिन पहले ही प्रशासन ने जेल में तलाशी की थी, फिर भी कुछ हाथ नहीं लगा था। ऐसे में निरीक्षणों पर भी प्रश्न चिह्न लग रहा है।
बेढम ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने भी प्रकरण की जांच कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। ऐसे में शनिवार को जेल आईजी विक्रम सिंह और डीआईजी मोनिका अग्रवाल ने सेंट्रल जेल श्यालावास पहुंचकर स्टाफ के बयान लिए। धमकी भरा कॉल करने का आरोपी 2022 में उदयपुर से दौसा शिफ्ट हुआ था। पहले भी किया था धमकीभरा कॉल
बता दें कि 7 जुलाई 2024 की रात दार्जिलिंग निवासी पॉक्सो के आरोपी नीमो ने जेल के अंदर से जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। तब सर्च ऑपरेशन में करीब दस मोबाइल मिले थे। जिसके चलते जेल प्रशासन ने कार्यवाहक जेल अधीक्षक, जेलर और मुख्य प्रहरी को निलंबित कर दिया था।